जयपुर। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले दो रक्षाकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। राजस्थान पुलिस ने यह बड़ी कार्रवाई लखनऊ स्थित मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) द्वारा दिए गए खुफिया इनपुट के आधार पर की। मिलिट्री इंटेलीजेंस और राजस्थान पुलिस ने सोमवार को इन दोनों रक्षाकर्मियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को रणनीतिक सैन्य प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी देने के आरोप में पकड़ा है।
खुफिया इनपुट के आधार पर जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें पहला आर्मी अम्युनिशन डिपार्टमेंट का नागरिक सुरक्षा कर्मचारी विकास कुमार (29) और दूसरा सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज का संविदा कर्मचारी चिमन लाल (22) है। गौरतलब है कि श्रीगंगानगर में स्थित अम्युनिशन डिपो और बीकानेर स्थित एमएमएफआर दोनों ही रणनीतिक रूप से भारत के पश्चिमी क्षेत्र में महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान हैं।
विकास कुमार को किया गया था हनीट्रेप
विकास कुमार को मुल्तान की महिला पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) ने फेसबुक के जरिए ट्रैप किया था। पीआईओ भारत की एक हिंदू महिला अनुष्का चोपड़ा के नाम से फेसबुक अकाउंट चला रही थी। अगस्त 2019 में एमआई लखनऊ को ग्राहकों के माध्यम से जासूसी एजेंट विकास कुमार के बारे में पता चला था जो पाकिस्तान में अपने संचालकों को सैन्य जानकारी दे रहा था।
एमआई यूनिट ने यह पता लगाया है कि विकास कुमार ओरबेट (ऑर्डर ऑफ बैटल, कंपोजिशन एंड ऑर्डर ऑफ अ मिलिटरी फाइटिंग फॉर्मेशन), गोला-बारूद (फोटो, राज्य, मात्रा, प्रकार, आगमन, प्रस्थान) से संबंधित सैन्य जानकारी आईएसआई को दे रहा था। इसके अलावा वह फायरिंग अभ्यास/मिलिट्री एक्सरसाइज के लिए आने वाली सैन्य इकाइयों के बारे में भी जानकारियां लीक करता था। इसके बदले उसने रुपये भी लिये थे। विकास कुमार को अपने तीन बैंक खातों और अपने भाई के बैंक खाते में भुगतान प्राप्त हो रहा था।
एमआई की लखनऊ इकाई ने जनवरी 2020 में उत्तर प्रदेश के आतंकवाद-रोधी दस्ते के साथ यह मामला साझा किया जिसके बाद विकास कुमार को “डेजर्ट चेज” नामक ऑपरेशन कोड के तहत दोनों कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से निगरानी और विशलेषण में रखा जा रहा था।