नई दिल्ली। (students who do not appear in the exam will get second chance) मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि जो छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल होने में असमर्थ हैं, उन्हें बाद में परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए। दरअसल, कॉलेज-विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को लेकर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की तरफ से हो रहे भारी विरोध के बाद मानव संसाधन विकास ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।
डॉ निशंक ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओँ की सुविधा के आधार पर इन परीक्षाओं का कभी भी आयोजन कर सकते हैं। इससे पहले विश्वविद्याल अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर में स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष (Bachelor and Masters final year) की परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। अपने संशोधित दिशा-निर्देशों में UGC ने कहा था कि अंतिम वर्ष के छात्रो-छात्राओं के लिए अब परीक्षाएं सितंबर में आयोजित होंगी।
लगातार किए कई ट्वीट में मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है, “यदि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में टर्मिनल सेमेस्टर/अंतिम वर्ष का कोई भी विद्यार्थी उपस्थित होने में असमर्थ रहता है, चाहे जो भी कारण रहा हो, तो उसे ऐसे पाठ्यक्रम(पाठ्यक्रमों)/प्रश्नपत्र(प्रश्नपत्रों) के लिए विशेष परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जा सकता है।”
दरअसल कई राज्यों द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर UGC के दिशा-निर्देशों का पालन करने से इन्कार करने के बाद डॉ. निशंक ने ट्विटर हैंडल के जरिए कई ट्वीट किए। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और पंजाब के बाद आज शनिवार को दिल्ली ने भी कहा था कि कोरोनो वायरस संक्रमण के बढञते मामलों की वजह से वह टर्म-एंड परीक्षा आयोजित नहीं करेगा।