नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सड़क हादसे की जांच पूरी करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। इस दुर्घटना में पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हुए थे जबकि परिवार के दो सदस्यों की मौत हो गई थी। शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट को पीड़िता की जांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कराने के विशेष न्यायाधीश के अनुरोध पर जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया है।
दुष्कर्म पीड़िता की कार को टक्कर मारने के मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है। 16 बिंदुओं पर आधारित इस रिपोर्ट में फोरेसिंक विशेषज्ञों, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर का नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट, पीड़ित, परिवारीजनों और स्थानीय लोगों के बयान का जिक्र कर तथ्य निकाला गया है। सीबीआइ ने कोर्ट से जांच रिपोर्ट देने की समय अवधि तीन बार बढ़वाई थी। एम्स में पीड़ित की हालत में सुधार होने के बाद पीड़ित के बयान भी सीबीआइ ने दर्ज कर लिये थे। इस बयान का कुछ अन्य लोगों के बयान से मिलान कराने के बाद सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली। लखनऊ से एक टीम बुधवार शाम को यह रिपोर्ट लेकर दिल्ली रवाना हुई थी।
पीड़िता ने रायबरेली की दुर्घटना को हत्या की साजिश बताया
गुरुवार को पहली बार मीडिया से मुखातिब हुई पीड़िता ने रायबरेली की दुर्घटना को अपनी हत्या की साजिश बताया। उसने कहा कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने ही रायबरेली हाईवे पर हुई दुर्घटना में उसे मारने की साजिश रची थी, इस बात पर कोई शक नहीं है। कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल सीबीआई की हिरासत में है।