लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में हुए परोक्ष तख्तापलट के बाद अब उसके आधिकारिक चुनाव चिहन ‘साइकिल’ को लेकर शुरू हुई लड़ाई चुनाव आयोग की अदालत में पहुंच गयी है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके भ्राता शिवपाल सिंह यादव, वहीं दूसरी ओर अखिलेश की ओर से सपा के ‘बर्खास्त’ महासचिव रामगोपाल यादव चुनाव आयोग के सामने अपने-अपने दावे पेश करने के लिये दिल्ली रवाना हो गये हैं। आयोग दोनों के दावों को परखेगा। अब सारा दारोमदार उसी पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग से मुलायम और अखिलेश खेमा आज मिलेगा। बताया जा रहा है कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को चुनाव आयोग ने सोमवार यानी आज साढ़े चार बजे का वक्त दिया है। मुलायम चुनाव आयोग से मिलने इस वक्त जाएंगे। उसके बाद वह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।
सपा के विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में परोक्ष तख्तापलट के बाद शुरू हुए शह-मात के नये खेल के बीच मुलायम ने कहा, ‘कोई भी व्यक्ति मुझ पर आरोप नहीं लगा सकता कि मैंने गलत किया है। मैंने ना तो कोई भ्रष्टाचार किया है और ना ही किसी को धोखा दिया है। साइकिल चुनाव निशान हमारा है।’दूसरी ओर, अखिलेश खेमे द्वारा कल आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गये शिवपाल ने कहा कि मुलायम अब भी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और आगे भी रहेंगे। मैं मरते दम तक नेताजी (मुलायम) के साथ रहूंगा।
इस बीच, मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आगामी पांच जनवरी को बुलाया गया पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन फिलहाल स्थगित कर दिया है। शिवपाल ने ट्वीट कर कहा कि नेताजी (मुलायम) के आदेशानुसार समाजवादी पार्टी का पांच जनवरी का अधिवेशन फिलहाल स्थगित किया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों में जुटें और जीत हासिल करने के लिए जी-जान से मेहनत करें।
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खेमे द्वारा बुलाए गए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन तथा उसमें लिये गये तमाम फैसलों को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी वजह से पैदा हुए भ्रम को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया था।
एजेंसी