लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में शनिवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश की 73 सीटों के लिए मतदान संपन्न होने के बाद जोर पकड चुके दूसरे चरण में 11जिलों की 67 सीटों के लिए प्रचार अभियान सोमवार शाम थम जायेगा।
पश्चिम उत्तर प्रदेश के 11 जिलों -सहारनपुर मुरादाबाद बिजनौर संभल रामपुर बरेली अमरोहा पीलीभीत खीरी शाहजहांपुर और बदायूं की 67 सीटों के लिए 15 फरवरी को मतदान होना है। दूसरे चरण में मतदान वाली 67 सीटों में पिछले चुनाव में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी को 34 सीटें मिली थी जबकि दूसरे नम्बर पर रही बसपा को 18 भाजपा को 10 कांग्रेस को 3 और अन्य को 2 सीटें मिली थी।
पहले चरण की ही तरह दूसरे चरण की तमाम सीटों के लिए भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव प्रचार की अगुवाई की और जहां एक ओर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत दर्जन भर मंत्री भी भगवा बिग्रेड की संभावनाएं चमकाने में जुटे रहे तो वहीं कांग्रेस सपा गठबंधन की ओर से राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने धुआंधार प्रचार किया। बसपा मुखिया मायावती पार्टी के अभियान को लगभग अकेले दम पर आगे बढाने में लगी रही। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचन्द्र मिश्र और नसीमुद्दीन सिद्धिकी ने भी हाथी के लिए प्रचार किया।
मोदी और शाह समेत तमाम भाजपा नेताओं ने कांग्रेस-सपा गठबंधन को दो कुनबों का गठबंधन बताते हुए सवाल किया कि सपा सरकार के खिलाफ अभियान शुरू करने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आखिर रातों रात पल्टी मार कर अखिलेश से गलबहियां कैसे कर बैठे। दूसरी तरफ राहुल और अखिलेश ने नोटबंदी का मामला उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से जहां आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं इससे बेरोजगारी भी बढी है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में कृषि की प्रधानता को ध्यान में रखकर भाजपा नेताओं ने किसानों से जुडे म्रुददे प्रमुखता से उठाये और सत्ता में आने पर फसली ऋण माफ करने और 14 दिन के भीतर गन्ना किसानों को उनकी उपज की कीमत दिलाने का वादा दोहराया। बसपा मुखिया मायावती ने मोदी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया तो प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए बिगडती कानून व्यवस्था तथा महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों का जिक्र किया। उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ खीचने की कोशिश जारी रखी और उन्हें बार-बार सचेत किया कि यदि भाजपा को हराना है तो उन्हें बसपा का समर्थन करना चाहिए।
दूसरे चरण की 67 सीटों के लिए कुल 720 उम्मीदवार मैदान में है जिनमें से सर्वाधिक 22 बिजनौर की बरहपुर और सबसे कम 4 अमरोहा की धनौरा सीट पर किस्मत आजमा रहे है। इस चरण में जिन प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है उसमें सपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां (रामपुर) और पहली बार चुनाव लड़ रहे उनके पुत्र अब्दुला आजम, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जफर अली नकवी के बेटे सैफ अली नकवी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (तिलहर) और भाजपा विधान दल (शाहजहांपुर नगर) के नेता सुरेश खन्ना शामिल हैं। दूसरे चरण में कुल 2.28 करोड लोगों को मताधिकार प्राप्त है इनमें से 1.04 करोड महिलाएं हैं।
एजेन्सी