लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के प्रमाणपत्र को आजीवन मान्य करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) प्रमाणपत्र को भी आजीवन मान्य करने का आदेश दे दिया है। इससे यह परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बुधवार को समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र को भी आजीवन वैधता प्रदान की जाए। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाए। अब एक बार परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद दोबारा देने की आवश्यकता नहीं होगी। डीएलएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पूर्व प्रचलित व्यवस्था ही लागू रखी जाए।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने बीते 3 जून को ऐलान किया था कि टीईटी 2011 से जारी हो रहे प्रमाणपत्र आजीवन मान्य होंगे। इसके पहले ये प्रमाणपत्र 7 साल ही मान्य थे, केवल 2020 का ही आजीवन मान्य था। इसके बाद यूपी यूटीईटी प्रमाणपत्र भी आजीवन मान्य होने की उम्मीद बढ़ गई थी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश प्रयागराज ने इसका प्रस्ताव भी भेज दिया था। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए नोटीफिकेशन जारी करने का आदेश दे दिया है। इस कदम से उन अभ्यर्थियों को विशेष राहत होगी, जो प्रमाणपत्र की अवधि पूरी होने से दोबारा परीक्षा देने की तैयारियों में जुटे थे। यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र अभी तक 5 वर्ष तक ही मान्य रहा है।
टीईटी को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक की घोषणा के बाद 9 जून को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई ) ने इस संबंध में विज्ञप्ति जारी कर दी है। नेशनल काउंसिलिंग की 50वीं बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है कि 2011 से अब तक टीईटी के प्रमाणपत्र आजीवन मान्य होंगे। राज्य सरकारें भी इस संबंध में निर्णय ले सकती हैं। केंद्र से आदेश जारी होने के बाद शासन ने भी परीक्षा संस्था से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा था। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रयागराज ने शासन को भेज दिया था।उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष में एक बार होती रही है। आब तक 8 बार यह परीक्षा हो चुकी है।