लखनऊ। यह मंगलवार उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का दिन है और योगी आदित्यनाथ सरकार का चौथा बजट पेश करते समय वह न केवल आत्मविश्वस से भरपूर दिखे बल्कि पूरी रौ में भी थे। खासकर, बजट भाषण शुरू और खत्म करने का उनका सुरीला अंदाज सदन में मौजूद लोगों को खासा पसंद आया। 5 लाख 12 हजार करोड़ का यह बजट यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है। इस बार के बजट में 10 हजार 967 करोड़ 87 लाख की नई योजनाएं शामिल की गई हैं।
बजट की प्रस्तावना पढ़ते हुए अचानक खन्ना अचानक रुके और सुर में एक गीत गाया। कहा. “गैर परों से उड़ सकते हैं, हद से हद दीवारों तक, अंबर तक तो वही उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे।” इसके बाद कानून व्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने एक कविता सुनाई, “नफरतों की आग में जलते हुए माहौल को, इस व्यवस्था ने दिए कुछ अनोखे कायदे, एक तरफ शोर है बगावत है, माल है मुल्क है सियासत है, एक तरफ हौसले हैं, मेहनत है, नीति है नियम है हुकूमत है।”
बजट खत्म करते समय वित्त मंत्री ने 5 कविताएं सुनाईं। सबसे पहले कहा- “बचाएंगे सजाएंगे सवारेंगे तुझे, हर मिटे नक्श को चमकाके उभारेंगे तुझे। राह इमदाद की देखे ये भले गौर नहीं, हम नरेंद्र भाई के साथी है कोई और नहीं।” इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक तीन कविताएं और सुनाईं। दुष्यंत कुमार के शेर- कौन कहता है आकाश में सुराख नहीं होता…, सुनाकर उन्होंने अपना बजट भाषण समाप्त किया।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का यह चौथा बजट है, जिसमें युवाओं और महिलाओं पर खास फोकस किया गया है। यह पहला मौका रहा, जब दोनों सदनों में बजट सुबह 11 बजे पेश किया गया। पिछले वर्षों में बजट दोपहर 12.20 बजे पेश किया जाता था