वाशिंगटन। (US Capitol Riots) अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हार चुके डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक बुधवार को हिंसा पर उतर आए। उन्होंने कैपिटल हिल में जबरदस्त हंगामा किया। कैपिटल हिल बिल्डिंग में घुस गए और जमकर तोड़फोड़ की। उनको काबू करने के लिए सुरक्षा बलों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि इस दौरान पुलिस और ट्रंप समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन की हालत गंभीर है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने 52 लोगों को गिरफ्तार किया था।
यह घटना उस समय हुई जब कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी। इसके तहत जो बाइडन की जीत पर मुहर लगनी थी। इसी दौरान ट्रंप समर्थकों ने वहां पर धावा बोल दिया। वे डोनाल्ड ट्रंप को दोबारा राष्ट्रपति बनाने और वोटो की गिनती दोबारा कराने की मांग कर रहे थे।
ट्रंप समर्थकों की हिंसक रवैये को देखते हुए वाशिंगटन में कर्फ्यू लगा दिया गया है और भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती भी की गई है। यहां पर मेयर ने 21 जनवरी तक के लिए 15 दिनों की इमरजेंसी का एलान किया है। पुलिस का कहना है कि ट्रंप समर्थकों के पास हथियार और आगजनी की घटना को अंजाम देने के लिए ज्वलनशील पदार्थ भी थे। इस हिंसा के बाद ट्रंप के दो सहायकों ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम ने कुछ समय के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड कर दिया है। इसकी वजह ट्रंप द्वारा अपने समर्थकों दिया वो संबोधन है जिसको इन वेबसाइट ने आपत्तिजनक माना है। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंटीग्रिटी जी रोसेन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनका मानना है कि ये वीडियो हिंसा को कम करने की बजाए बढ़ाने में योगदान दे रहा था। लिहाजा इस वीडियो को हटा दिया गया है। फेसबुक के अलावा दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी ये वीडियो हटा दिया गया है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश समेत भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की है। मोदी ने अपने बयान में कहा है कि वह अमेरिका में हुई हिंसक झड़प की खबर से काफी दुखी हैं। सत्ता का हस्तांतरण बेहद शांत और खुशनुमा माहौल में पूरा किया जाना चाहिए। लोकतंत्र में इस तरह की घटनाओं की कोई जगह नहीं है। ओबामा ने अपने बयान में कहा कि आने वाला समय इस दिन को हमेशा याद रखेगा कि कैसे मौजूदा राष्ट्रपति ने झूठ बोलकर चुनाव परिणामों को गलत साबित करने की कोशिश की और गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। उन्होंने अपने बयान में इस घटना को अमेरिका के लिए शर्मसार करने वाली बताया है।
ट्रंप ने एक बार राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन पर धांधली करने का आरोप लगाया। इसका जवाब देते हुए बाइडन ने कहा कि वह संविधान की रक्षा करें और इस तरह की घेराबंदी को खत्म करें। उन्होंने ट्रंप समर्थकों के हंगामे को भी अमेरिकी संविधान पर हमला करार दिया है। उन्होंने इसको अमेरिकी इतिहास का बुरा दिन बताया है। बाइडन ने कहा है कि कुछ लोग न सिर्फ चुनाव के परिणाम को नहीं मान रहे हैं बल्कि कानून की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। एक तरफ जहां बाइडन ने ट्रंप को अपने समर्थकों को शांत करने की अपील की है वहीं ट्रंप ने कहा है कि वो हार नहीं मानने वाले हैं।
जो बाइडन को 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी है। अमेरिकी इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इतना हंगामा हुआ है और इस तरह की हिंसा हुई है।
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