अगर कोरोना वायरस मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए  एक साल से तीन साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट द्वारा बुधवार को मंजूर किए गए उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 (Uttar Pradesh Public Health and Epidemic Disease Control Ordinance 2020) में ये भी प्रावधान है कि अगर कोई कोरोना वायरस मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हाजार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। क्वारंटीन का उल्लंघन करने या अस्पताल से भागने पर एक से तीन साल की सजा और 10 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना भुगतना होगा।

नए अध्यायदेश के मुताबिक, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।

अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और 50 हजार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना होगा। लॉकडाउन तोड़ने, इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। अगर कोरोना वायरस मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए  एक साल से तीन साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

error: Content is protected !!