लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया 7 दिन के अंदर शुरू करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने करीब डेढ़ वर्ष से लंबित परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के मामले में राज्य सरकार के पक्ष को सही ठहराकर उसे बड़ी राहत दी थी।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय के क्रम में एक सप्ताह के भीतर 69000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय से प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे प्रदेश के सभी विद्यालयों को योग्य शिक्षक मिलेंगे। इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक भर्ती के प्रकरण में राज्य सरकार का पक्ष और रणनीति सही थी।

हाईकोर्ट का बुधवार को आया फैसला सरकार के साथ ही अभ्यर्थियों के लिए भी खासी अहमियत रखता है क्योंकि योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में शिक्षकों की यह सबसे बड़ी भर्ती है। सरकार के लिए सुकून की वजह इसलिए भी है क्योंकि इस मामले में हाईकोर्ट का पहला फैसला उसके खिलाफ गया था। इस फैसले के विरुद्ध उसने विशेष अपील दायर की थी जिसका निर्णय उसके पक्ष में आया।

परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 69000 पदों पर भर्ती के लिए 1 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी हुआ था और सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज ने 5 दिसंबर 2018 को सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया। लिखित परीक्षा के बाद 7 जनवरी 2019 को शासनादेश जारी कर भर्ती परीक्षा के लिए न्यूनतम उत्तीर्णांक घोषित किया गया। इसमें सामान्य वर्ग के अभ्यॢथयों के लिए 65 प्रतिशत अर्थात 97/150 अंक जबकि अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 60 प्रतिशत यानी 90/150 अंक को उत्तीर्णांक निर्धारित किया गया। इस शासनादेश के खिलाफ शिक्षामित्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2019 को शिक्षामित्रों के पक्ष में याचिका निस्तारित करते हुए 68,500 शिक्षकों की भर्ती के लिए 2018 में आयोजित परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम उत्तीर्णांक 40 व 45 प्रतिशत के आधार पर परीक्षाफल घोषित करने का फैसला सुनाया। इस निर्णय को राज्य सरकार ने विशेष अपील के जरिये चुनौती दी जिसका फैसला बुधवार को उसके पक्ष में आया।  

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