लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 300 वर्ग मीटर वाले मकानों में रेन हार्वेस्टिंग के प्रावधान का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भूजल की उपलब्धता निरंतर कम हो रही है। पिछले तीन-चार दशकों के दौरान भूजल के अत्यधिक दोहन की वजह से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक विषमता देखने को मिली है। राज्य के 823 विकास खंडों में से 287 में हर साल भूजल में 20 सेमी तक की गिरावट आई है।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर भूजल सप्ताह के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल प्रकृति की अमूल्य संपदा है। प्रदेश में भूजल की उपलब्धता निरंतर कम हो रही है। पिछले तीन-चार दशकों के दौरान भूजल के अत्यधिक दोहन की वजह से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक विषमता देखने को मिली है। राज्य के 823 विकास खंडों में से 287 में हर साल भूजल में 20 सेमी तक की गिरावट आई है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के जिन क्षेत्रों में भूगर्भीय जल में खारापन, आर्सेनिक और फ्लोराइड की समस्या है, उसका कारण भूगर्भ जल का अति दोहन है। इसके मद्देनजर ही सरकार ने भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण के लिए उप्र ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट एंड रेगुलेशन अधिनियम-2019 लागू किया है। इसमें सभी सरकारी भवनों पर रूफ टॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया गया है।

भूजल के संरक्षण के लिए आमजन की सहभागिता की जरूरत जताते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे अपने मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करें। इससे भूजल समस्या का दीर्घकालीन समाधान हो सकेगा।

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