लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भले ही कोरोना वायरस संक्रमण पर करीब-करीब काबू पा लिया गया हो पर महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल समेत कई राज्यों में हालात अब भी काफी खराब हैं। दूसरी ओर राज्यों के बीच अवाजाही काफी बढ़ गई है। ऐसे में जरा सी भी लापरवाही एक बार फिर खतरे में डाल सकती है। इसके मद्देनजर योगी आदित्यनाथ सरकार ने “ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट” कार्यक्रम जारी रखा है। इसके साथ ही 3 प्रतिशत से अधिक पाजिटिविटी रेट वाले 11 राज्यों से आने वाले रहे लोगों के साथ भी सख्ती बरती जा रही है। इन राज्यों से आने वाले लोगों को आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट या कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। ऐसा करने में नाकाम रहने वालों को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन या फिर उत्तर प्रदेश की सीमा पर ही रोक दिया जाएगा।
सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जिन राज्यों से आने वाले लोगों पर ये कड़े नियम लागू होंगे उनमें महाराष्ट्र, केरल, उड़ीसा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सहित पूर्वोत्तर के राज्यों से आने वाले लोग शामिल हैं। 1 से 15 अगस्त तक इन राज्यों से उत्तर प्रर्देश आने वाले लोगों को कोविड की नेगेटिव जांच रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र दिखाना होगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को कहा प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में जो सैंपल्स लिये जा रहे हैं, उनमें डेल्टा वैरिएंट सबसे ज्यादा आ रहा है। हमें जो जीनोम सिक्वेंसिंग के नतीजे मिले हैं उनमें 90 प्रतिशत से अधिक डेल्टा वैरिएंट है।