लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शैक्षिक पदों पर भर्तियों का रास्ता साफ हो गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 100 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू करने का शासनादेश सोमवार रात जारी कर दिया है। अब भर्तियों में आरक्षण के लिए विश्वविद्यालय को इकाई माना जाएगा, न कि विभाग को। भर्तियों में सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश में 30 नवंबर 2015 से 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती के लिए विभाग जबकि प्रोफेसर की भर्ती के लिए विषय को इकाई मानकर आरक्षण निर्धारित किया गया था। 13 प्वाइंट रोस्टर के खिलाफ देशभर में विरोध हुआ तो केंद्र ने 100 प्वांइट रोस्टर लागू करने का फैसला किया था। यह सीधी भर्तियों पर लागू होगा। 100 प्वाइंट रोस्टर के लिए विभागों के नाम को हिन्दी वर्णमाला के वर्णानुक्रम में लागू किया जाएगा। सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर. रमेश कुमार ने इसका आदेश जारी कर दिया।

इस तरह होगा आरक्षण

अनुसूचित जाति को 21 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत।

एक साल से अटकी थीं भर्तियां

100 प्वाइंट रोस्टर के इंतजार में 18 राज्य विश्वविद्यालयों और 331 सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में शैक्षिक पदों पर भर्तियां एक वर्ष से अटकी हुई थीं। राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों के 1050 से अधिक पद जबकि सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 5375 से अधिक पद रिक्त हैं।

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