वाराणसी। वाराणसी में सोमवार को हुई हिंसा के सिलसिले में किसी संत को गिरफ्तार करने के मुद्दे पर ‘बैकफुट’ पर होने की बात से इनकार करते हुए पुलिस ने शनिवार को कहा कि इस मामले में जांच अभी जारी है और उनके खिलाफ ‘पुख्ता सबूत’ मिलने पर ही गिरफ्तारी की जाएगी। हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने कांग्रेस विधायक अजय राय के साथ-साथ 50 अन्य को गिरफ्तार किया है। पांच अक्तूबर को उस वक्त हिंसा भड़क गई थी जब साधु-संतों सहित हजारों लोगों और कुछ कांग्रेस एवं भाजपा के नेताओं ने टाउनहॉल से लेकर दशाश्वमेध घाट तक मार्च निकाला था।
गंगा नदी में भगवान गणेश की मूर्तियों के विसर्जन से रोकने पर 21 से 23 सितंबर के बीच दिए गए धरने के दौरान हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में यह मार्च निकाला गया था। हजारों लोगों के साथ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने विरोध मार्च की अगुवाई की थी। वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आकाश कुलहरि ने कहा, ‘सतों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर हम बैकफुट पर नहीं हैं । इस मामले में जांच जारी है और जैसे ही हमें पुख्ता सबूत मिलेंगे, हम आगे की गिरफ्तारियां करेंगे।’
कुलहरि इन सवालों के जवाब दे रहे थे कि क्या भाजपा और कांग्रेस की सख्त चेतावनी के बाद संतों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर पुलिस ने अपने पांव वापस खींच लिए हैं । भाजपा और कांग्रेस ने कहा है कि यदि पुलिस ने ‘निर्दोष’ संतों को गिरफ्तार किया तो उनके कार्यकर्ता अपनी गिरफ्तारी देंगे । इस बीच, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शतरूद्र प्रकाश ने आज संतों से अपील की कि वे गंगा को और प्रदूषित होने से बचाने के लिए उसमें मूर्तियों का विसर्जन न करें। प्रकाश ने उनसे अनुरोध किया वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करें और प्राण त्याग रही नदी की रक्षा करने के लिए अपनी मांगें छोड़ दें ।