नई दिल्ली। (Committee to be constituted to investigate Vikas Dubey encounter)सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों के एनकाउंटर मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गई। शीर्ष अदालत ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई है।
अदालत ने कहा कि हैदराबाद में मारे गए दुष्कर्म के आरोपित और यहां मारे गए अपराधियों में फर्क है। उनके पास हथियार नहीं थे लेकिन आपके ऊपर (यूपी) राज्य सरकार के तौर पर कानून का शासन बनाए रखने की जिम्मेदारी है। इसके लिए गिरफ्तारी, ट्रायल और सजा सुनाई जानी चाहिए। यूपी के डीजीपी की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत में कहा कि यह मामला तेलंगाना से गुणात्मक रूप से अलग है। यहां तक कि पुलिसकर्मियों के भी मौलिक अधिकार हैं। क्या तब पुलिस पर अत्यधिक बल प्रयोग का आरोप लगाया जा सकता है जब वह एक खूंखार अपराधी के साथ मुठभेड़ कर रही हो?