उज्जैन। कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित गैंगेस्टर विकास दुबे के गिरफ्तार होने के मामले में उज्जैन के एक शराब कारोबारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास उज्जैन में इसी व्यापारी के घर रुका था। उज्जैन पुलिस ने शराब कारोबारी को भी पूछताछ के लिए उठाया है। बताया जा रहा है कि विकास का परिचित यह कारोबारी है चित्रकूट का रहने वाला है।

विकास की गिरफ्तारी के बाद से ही उज्जैन में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है और सघन जांच-तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि विकास के उज्जैन पहुंचने में किन-किन लोगों ने उसकी मदद की। इसी दौरान शराब कारोबारी के विकास से संपर्क होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने उसके समेत 4 लोगों को उठा लिया।

विकास से उज्जैन के आईजी राकेश गुप्ता, एसपी मनोज सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने घंटों पूछताछ की। इसी के साथ महाकाल मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ ही शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। इसके जरिए विकास दुबे के उज्जैन पहुंचने के साथ ही वह इस दौरान कहां गया और किस स्थान पर रुका इस तरह के सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। महाकाल मंदिर प्रांगण के बाहर लखनऊ के रस्जिट्रेशन नम्बर की गाड़ी मिलने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि विकास दुबे काफी तैयारी के साथ आया था। गाड़ी की नम्बर प्लेट पर हाईकोर्ट लिखा हुआ है और वह गाड़ी मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड है।

पुलिस ने महाकाल मंदिर के पीछे लॉकर रूम से विकास का काला बैग जब्त किया है। बैग में चाकू और कुछ कपड़े मिले हैं। पुलिस ने लॉकर रूम और जूता स्टैंड की भी तलाशी ली। पुलिस डॉग स्क्वायड के साथ तलाशी लेने पहुंची थी। जूता स्टैंड पर उसके जूते रखे हुए थे। जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।

मास्क उतरने के बाद हुई पहचान

मंदिर में जाने के लिए टिकट लेने के बाद विकास दुबे फूल लेने लगा। मास्क उतरने के बाद फूल वाले से उसने बातचीत की। फूल वाले को विकास दुबे की शक्ल पर शक हुआ था  जिसके बाद उसने प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को विकास दुबे की जानकारी दी। प्राइवेट सिक्योरिटी के गार्ड एक पुलिस जवान के साथ महाकाल मंदिर कैंपस में दाखिल हुआ और उन्होंने विकास दुबे को पकड़ा। विकास दुबे से पूछताछ की तो वह जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद विकास दुबे को महाकाल मंदिर की चौकी पर लाया गया। वहां पर पुलिस का शिकंजा कसता देख उसने खुद का परिचय दिया।

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