नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्क साइट फेसबुक यूजर्स की निजता के उल्लंघन के मामले में फंस गई है। इसे लेकर अमेरिका ने उस पर बड़ी कार्रवाई की है। यूजर्स की गोपनीय सूचनाओं को भंग किए जाने को लेकर फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने उस पर 5 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है। गोपनीयता के उल्लंघन के मामले पर लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना होगा हालांकि अंतिम रूप देने से पहले अभी इसके लिए न्याय विभाग से स्वीकृति मिलने की आवश्यकता है। 

एक अमेरिकी अखबार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि एफटीसी ने 3-2 वोटों के साथ इस जुर्माने को मंजूरी दी है। उपभोक्ता संरक्षण एजेंसी के दो डेमोक्रेटिक सदस्यों ने इसके लिए असंतोष जताया था।

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में फेसबुक ने भी उपयोगकर्ता डेटा व्यवहार पर कानूनी निबटारे के लिए 3 बिलियन डॉलर से 5 बिलियन डॉलर का भुगतान करने की उम्मीद जताई थी। एफटीसी ने पिछले साल घोषणा की थी कि उसने राजनीतिक सलाहकार कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा करोड़ों यूजर्स का निजी डेटा चुराने का मामला सामने के बाद फेसबुक के साथ 2011 के गोपनीयता समझौते में अपनी जांच को फिर से शुरू कर दिया है। कैम्ब्रिज एनालिटिका ने 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान के लिए काम किया था। 

फेसबुक से यह भी पूछा गया है कि क्या उसने पहले किए गए समझौते का उल्लंघन करते हुए बिजनेस पार्टनर्स के साथ अनुचित तरीके से यूजर्स का डाटा शेयर तो नहीं किया। कुछ फेसबुक आलोचकों का तर्क है कि कंपनी पर डेटा व्यवहार की  निगरानी सहित सख्त प्रतिबंध लगाने चाहिए। साथ ही फेसबुक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को दंड के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होना चाहिए। इस बीच उपभोक्ता समूह पब्लिक नॉलेज के शार्लोट श्लेमन ने एक बयान में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फेसबुक की व्यावसायिक कार्यप्रणालियों पर अतिरिक्त शर्तें लागू होंगी। 

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