लखनऊ। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होते ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीएए और एनआरसी के विरोध में हुई हिंसा की फाइलें फिर खोल ली हैं। राजधानी में सीएए-एनआरसी की आड़ में हिंसा फैलाने के आरोपितों के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने धारा 82 की कार्रवाई करते हुए डुगडुगी बजवा कर 8 आरोपितों के घरों पर नोटिस चस्पा किया है। पुलिस ने पहली बार सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ डुगडुगी बजाकर इस तरीके की कार्रवाई की है। ये आठों आरोपित फरार बताए गए हैं।
लखनऊ के संयुक्त आयुक्त पुलिस नवीन अरोड़ा के मुताबिक, ठाकुरगंज थाने में दर्ज मामले में 27 ऐसे आरोपित थे जो सीएए-एनआरसी को लेकर हुई हिंसा में शामिल थे। इनमें 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि एक ने सरेंडर कर दिया था। 7 आरोपितों ने अदालत से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया था। बचे हुए 8 आरोपितों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते हुए धारा 82 की कार्रवाई की गई है। इन लोगों उनके घर के बाहर डुगडुगी बजाकर नोटिस चस्पा किया गया है और अब आगे 83 की कार्रवाई की जाएगी जिसमें इनकी संपत्ति की कुर्की कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि लखनऊ में 19 दिसंबर 2019 को सीएए-एनआरसी के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भी टकराव हुआ था। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कई आरोपितों को गिरफ्तार किया था। हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर भी चौराहों पर लगाए गए थे। थाना ठाकुरगंज में दर्ज एफआईआर के 8 आरोपित अभी भी फरार हैं जिनके खिलाफ पुलिस ने मंगलवार को धारा 82 की कार्रवाई करते हुए डुगडुगी बजाकर नोटिस चस्पा किया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़-आगजनी कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से पाई-पाई की वसूली जाएगी।