नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष (जेएनयूएसयू) आइशी घोष व अन्य 18 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर के मुताबिक जेएनयू के चीफ सेक्योरिटी ऑफिसर ने पुलिस को शिकायत दी है कि आइशी घोष और उसके अन्य 18 साथियों ने 4 जनवरी को दोपहर करीब 1 बजे महिला गार्ड के साथ धक्का-मुक्की व अन्य गार्ड के साथ मार-पिटाई और गाली-गलौच की। ये लोग जबरन सीआईएस रूम में घुसना चाह रहे थे जिसका सिक्योरिटी गार्ड्स ने विरोध किया। बाद में ये लोग पीछे का शीशा तोड़कर सर्वर रूम में घुस गए, ऑप्टिक फाइबर केबल तोड़ दी और बायोमेट्रिक मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया।
एफआईआर में आईसी घोष, साकेत मून, सतीश यादव, सारिका चौधरी, जी. सुरेश, कृष जयसवाल, विवेक कुमार, गौतम शर्मा, वासकर वी, अपेक्षा प्रियदर्शी, श्रेया घोष, श्वेता कश्यप , संभावित सिद्धि, विवेक कुमार पांडे, राजू सिंह, मानस कुमार, चुन चुन यादव कामरान, डोलन और गीता कुमारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 341, 506, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई है।
इस बीच आज मंगलवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम जेएनयू पहुंची। दिल्ली पुलिस हमला करने वाले नकाबपोश गुंडों को पहचानने के लिए चेहरा पहचान टेक्नीक का इस्तेमाल कर रही है। इसके साथ ही तीसरी एफआईआर वसंत कुंज थाने में दर्ज की गई है। ये तीन जनवरी का मामला है जब सर्वर रूम में लोग जबरन घुस गए थे, वहां का स्विच ऑफ किय और धक्का-मुक्की की। पांच जनवरी को एफआईआर दर्ज हुई है। इस एफआईआर में भी आईसी घोष का नाम है। इस बीच जेएनयू के रजिस्ट्रार ने कहा है कि कुछ छात्र-छात्राए रजिस्ट्रेशन रोकने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि जेएनयू प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन की तारीख 12 जनवरी तक बढ़ा दी है।
पुलिस उपायुक्त देवेन्द्र आर्या ने बताया कि पुलिस टीम ने जेएनयू परिसर में कई जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त की है। हंगामे के बाद से वायरल हो रही वीडियो की भी पुलिस जांच करेगी। इनकी मदद से हंगामा करने वालों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।