नई दिल्ली। अपनी गिरती साख को साधने के लिए कुछ राजनीतिक दलों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बारे में गलत जानकारी देकर लोगों को खूब भड़काया। भड़काऊ भाषणों के चलते देशभर में हुई हिंसा में इन दलों के नेताओं का तो कुछ नहीं बिगड़ा पर कई लोग मारे गए तो कई लोगों पर संपत्ति जब्ती की कार्रवाई और देशद्रोह के मुकदमे की तलवार लटक गई है। खासकर, दिल्ली के सीलमपुर में जिस तरह “पेट्रोल बम” फेंके गए उससे साफ हो गया है कि कुछ नेताओं ने अपनी “राजनीति की दुकान” चलाने के लिए लोगों को किस हद तक उकसाया था। इसी के मद्देनजर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, उत्तर पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्ष में भीड़ ने पुलिस पर खुल कर “पेट्रोल बम” फेंके थे। ये बम देसी फॉर्मूले से बनाए गए थे। इन बमों को बनाने के लिए ज्यादा सामान की जरूरत नहीं पड़ती है। एक जगह से दूसरी जगह लाने ले जाने में भी ज्यादा जोखिम नहीं रहता है और इनका हमला कई गुना ज्यादा प्रभावी और घातक होता है।
पुलिस के एक उच्चाधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर शनिवार को बताया, “गिरफ्तार हमलावर (“पेट्रोल बम” फेकने वाला) का नाम रहीस है। उसके साथ उसके साथी हसन को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, रहीस ने मंगलवार को खुलकर आम लोगों और पुलिस के ऊपर देसी स्टाइल में तैयार इन “पेट्रोल बम” का इस्तेमाल किया था जिससे तमाम लोग घायल हुए थे। रहीस को हाथ में कुछ लेकर भागते हुए देखे जाने के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।”
दिल्ली क्राइम
ब्रांच के एक उच्चाधिकारी के अनुसार, “सीलमपुर-जाफराबाद में मंगलवार को हुई हिंसा के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर
ऐसा भी सामने आया जिसमें एक शख्स बम फेंकने के बाद घटनास्थल पर
पीछे की ओर भागता हुआ दिखाई दे रहा था। गले में मफलर डाले और चश्मा लगाए यह युवक
बदहवास था। उस संदिग्ध के साथ-साथ कुछ और युवक भी पीछे की ओर भागते हुए दिखाई दे
रहे थे। वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि विस्फोट के साथ ही मौके से भाग
रहे संदिग्ध (जो बाद में “पेट्रोल बम” फेंकने वाला रहीस निकला) का हाथ विस्फोट के कारण कलाई से उड़ चुका है। उसके
जख्मी हाथ से खून टपक रहा था और मांस के लोथड़े लटके हुए थे।”
उपद्रवियों से
मोर्चा लेते वक्त जख्मी हुए सीलमपुर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर ने बताया, “वायरल वीडियो में बम विस्फोट से ठीक पहले जिसके
हाथ में थैला लटका दिखाई दे रहा है और विस्फोट के तुरंत बाद जिस युवक का हाथ लहूलुहान नजर आ रहा है, उसका नाम रहीस है। वायरल वीडियो के जरिए ही इलाके
के लोगों ने उसकी पहचान की। रहीस उत्तर-पूर्वी जिले का ही रहने वाला है।”
रहीस पर दर्ज होगा देशद्रोह का मुकदमा
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बम विस्फोट करने वाले आरोपित की पहचान होने के बाद उसकी तलाश शुरू हुई। उत्तर पूर्वी जिले के कई निजी और सरकारी अस्पतालों में पुलिस ने दो दिन तक संदिग्ध घायल की तलाश की। अंतत: उसे उत्तर पूर्वी शाहदार जिले में स्थित एक सरकारी अस्पताल में इलाज कराते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली पुलिस अब उसके खिलाफ देशद्रोह, सरकारी कामकाज में बाधा डालने, दंगा भड़काने, निर्दोष लोगों की हत्या की कोशिश करने जैसी गंभीर धाराओं के तहत आपराधिक मामला चलाने की तैयारी में जुटी है। हालांकि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर में भी इसका नाम शामिल किया जाना है।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा में तैनात डीसीपी स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि रहीस से अब तक हुई पूछताछ में कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। हम लोग इसका भी पता लगा चुके हैं कि पेट्रोल बम बनाना रहीस ने किससे कब और कहां सीखा था। हालांकि उस शख्स तक हम अभी नहीं पहुंच सके हैं, तलाश जारी है। रहीस ने अपने कुछ अन्य साथियों के नाम भी बताए हैं जिनमें से दो पुलिस को मिल गए हैं। बाकी अन्य 5-6 की तलाश जारी है। इसी अधिकारी ने बातचीत में पुष्टि की कि वायरल वीडियो सही पाया गया है। यह वीडियो मंगलवार दोपहर बाद सीलमपुर जाफराबाद में हुए दंगे की घटना के दौरान का ही है। फिर भी कानूनी रूप से सही साबित करने के लिए वायरल वीडियो को फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है ताकि अदालत में आरोपियों के खिलाफ पुलिस का पड़ताली पक्ष कमजोर साबित न हो जाए।
दंगाइयों की संपत्ति जब्त करेंगी उप्र सरकार
उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के मामले में भी हजारों लोगों पर कानूनी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है तो दर्जनों लोगों की संपत्ति जब्त करने के लिए जांच भी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आगजनी करने वालों की वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान कर उनके खिलाफ न केवल कार्रवाई की जाएगी बल्कि उनकी संपत्ति को जब्त कर सरकार को हुए नुकसान की भरपाई भी की जाएगी।