लखनऊ। War against Corona मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के श्रमिक-कामगारों को मई दिवस पर बड़ी राहत दी। प्रवासी मजदूरी की अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में वापसी शुरू कराने के साथ ही शुक्रवार को उनको आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई। राज्य सरकार ने एक साथ 30 लाख श्रमिकों को 300 करोड़ के भरण पोषण भत्ते का उपहार दिया गया। इस तरह हर श्रमिक के खाते में एक-एक हजार रुपये का भरण पोषण भत्ता डाला गया है।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ बैठक के बाद श्रमिकों और कामगारों को धनराशि दिए जाने की जानकारी दी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने इससे पहले भी एक-एक हजार रुपये की धनराशि श्रमिक-कामगारों को प्रदान की थी। आज मई दिवस पर एक बार फिर उनको आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण रुकी गतिविधियों से प्रभावित श्रमिकों के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। इससे पहले 24 मार्च को 5.97 लाख निर्माण श्रमिकों के भरण-पोषण के लिए उनके खाते में हजार-हजार रुपये भेजे गए थे। 30 अप्रैल 2020 को इस योजना के तहत 16.08 लाख निर्माण श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार रुपये की राशि का भुगतान किया गया था।

निशुल्क राशन 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों तथा दिहाड़ी मजदूरों को अंत्योदय मनरेगा श्रमिकों के अंतर्गत निशुल्क राशन दिया गया है। आज 1 मई से पुन: खाद्यान्न वितरण प्रारंभ किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक दिल्ली से करीब 4 लाख और हरियाणा से 12 हजार प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को वापस लाया गया है। इसके साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड एवं गुजरात से श्रमिकों को वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है। 18 करोड़ श्रमिकों और जरूरतमंदों के लिए राशन उपलब्ध कराया गया है। अब एक मई दिवस से दुबारा राशन देने का अभियान शुरू किया गया है। यूपी में सबको राशन पहुंचाने के लिए वन नेशन-वन कार्ड योजना लागू है। इस योजना के तहत यूपी के प्रवासी श्रमिक, कामगारों को देश के किसी भी हिस्से में राशन मिलेगा।  दूसरे प्रदेश के लोगों को सिर्फ राशन कार्ड नंबर बताने पर भी यूपी में राशन मिलेगा।

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