बरेली। (Webinars of journalists’ organizations) देश के प्रमुख पत्रकार संगठनों- नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया, डीजीए, यूपी जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन (उपजा), वर्किंग जर्नलिस्ट इंडिया (डब्लूजेआई), इंडियन फेडरेशन वर्किंग जर्नलिस्ट से जुड़े देशभर के सैकड़ों पत्रकार वेबिनार में शामिल हुए और पत्रकारिता जगत की समस्याओं एवं उनके निराकरण पर चर्चा की। इस दौरान भारतीय मजदूर संघ ( बीएमएस ) ने भी पत्रकारो की मांग को आवाज देने की बात कही।
इस अवसर पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव सुरेश शर्मा ने कहा कि सभी संगठनों को साथ आना होगा जिसकी पहल वर्किंग जर्नलिस्ट इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी ने की है। नरेंद्र भंडारी बार-बार यह मुद्दा उठाते हैं कि मीडिया संस्थानों में पत्रकारों की छंटनी हो रही है जिसको रोकना होगा। जब पत्रकार की आजीविका सुरक्षित होगी तभी आने वाले समय में पत्रकारों का कल्याण होगा। वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी ने कहा कि संगठन का लक्ष्य है कि गांवों के पत्रकार साथियों तक सभी सुविधाएं पहुंचें। इनकी सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सभी संगठनों की है ।
वेबिनार की अध्यक्षता जाने-माने पत्रकार केएन गुप्ता ने की। उन्होंने कहा कि सभी संगठनों को एक होना ही नरेंद्र भंडारी की सफलता है। ऐसा होने पर ही पत्रकारों का कल्याण भी होगा।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कोरोना काल में शहीद हुए पत्रकारों को कोरोना योद्धा के रूप मान्यता देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा अब मीडिया आयोग बनाना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि प्रिंट मीडिया के अलावा अन्य पत्रकार साथियों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। बेरोजगारी की हालात में पहुंच चुके पत्रकारों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय महासचिव परमानंद पांडेय ने कहा कि हम सभी को मिलकर एक फंड बनाना चाहिए जिससे बेरोजगार हुए पत्रकार साथियों की तात्कालिक तौर पर मदद कर सकेम। साथ ही वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में संशोधन करना अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि मौजूदा एक्ट में ना तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जगह है और ना ही डिजिटल मीडिया की। ऐसा होने पर पत्रकारों की परिभाषा बदल जाएगी। इसके लिए मीडिया आयोग के गठन की अत्यंत आवश्यकता है।
भारतीय मजदूर संघ ( बीएमएस ) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने सभी पत्रकार संगठनों का आह्वान किया कि हम सभी को मिलकर पत्रकारों की लड़ाई लड़नी होगी। पवन कुमार ने कहा कि कोरोना काल में पत्रकारों पर आर्थिक संकट के बादल छाए हुए है। कई मीडिया संस्थानों ने पत्रकारों का वेतन काट दिया है परंतु कोई पत्रकार खुलकर कह नहीं पा रहा है। उन्होंने कहा क सभी पत्रकारों को बेज बोर्ड पढ़ना चाहिए और अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। लेकिन अब समय आ गया है जब पत्रकारों के भविष्य सुधरने वाला है।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य रजा रिज़वी ने कहा कि पत्रकारों कि समस्यायों का निस्तारण ही हमारा कर्तव्य है।
वेबिनार का संचालन वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव ने किया। इस वर्चुअल सभा को इंडियन फेडरेशन वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष केवी मल्लिकार्जुन,संजय उपाध्याय, राज्य मुख्यालय मान्यता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव सिद्धार्थ कलहंस, अजय कुमार, निर्भय सक्सेना, उपजा के प्रदेश अध्यक्ष जीसी श्रीवास्तव, उपजा के प्रदेश महामन्त्री रमेश चंद जैन, अशोक मालिक, जितेंद्र अवस्थी, रोहित कश्यप, अजय वर्मा आदि ने संबोधित किया।
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