ह्यूस्टन । कंसास सिटी में एक पूर्व नौसैनिक के नस्ली हमले में मारे गए भारतीय इंजीनियर की पत्नी ने अमेरिका सरकार से सवाल किया है वह अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत से होने वाले अपराधों को रोकने के लिए वह क्या करेगी। भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की 32 वर्षीय पत्नी सुनयना डुमाला ने कहा कि अमेरिका में भेदभाव की खबरें अल्पसंख्यकों में डर पैदा करती हैं और उन्होंने सवाल किया, ‘क्या हमारा यहां से नाता है?’
जीपीएस निर्माता कंपनी गार्मिन द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता में सुनयना डुमाला ने सवाल किया कि डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका सरकार अल्पसंख्यकों के विरूद्ध होने वाले नफरतभरे अपराधों, जैसा कि उनके पति के साथ हुआ, को रोकने के लिए क्या करेगी।
वैसे उन्होंने ट्रंप का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह जरूर कहा, ‘यह देश हरेक के लिए खतरनाक नहीं होगा।’ सुनयना को अमेरिका में होने वाली गोलीबारी की घटनाओं की चिंता रहती थी और अमेरिका में रहने को लेकर संदेह था। लेकिन तब उनके पति ने उन्हें यह कहकर आश्वस्त किया था कि ‘अमेरिका में अच्छी चीजें होती हैं।’ बुधवार की रात को सिटी के एक बार में एडम पुरिनतोन नामक एक पूर्व नौसैनिक ने गोली मारकर गार्मिन के इंजीनियर श्रीनिवास की हत्या कर दी थी।
गोलीबारी की इस घटना से प्रवासियों के मन में भय पैदा हो गया है जो महसूस कर रहे हैं कि कुछ देशों से यात्रियों को आने को रोकने तथा मैक्सिकी की सीमा पर दीवार खड़ी करने की ट्रंप की योजना से वे निशाने पर आ गये हैं। ट्रंप ने अपने चुनाव वादे ‘अमेरिका प्रथम’ को साकार करने के लिए यह योजना बनायी है। कुछ देशों के विरूद्ध ट्रंप की प्रस्तावित यात्रा पाबंदी को कई लोग विभाजनकारी मान रहे हैं और उनकी अपनी रिपब्लिकन पार्टी समेत कई वर्गो ने उसकी कड़ी आलोचना की है।
सुनयना ने कहा कि श्रीनिवास एल पासो में टेक्सास विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री करने के लिए 2005 में अमेरिका आए और उन्होंने कंसास आने से पहले लोवा में छह सालों तक काम किया। उन्होंने कहा, ‘उनकी इस तरह हत्या नहीं होनी चाहिये थी। मैं नहीं जानती कि क्या कहा जाए। हमने कई बार अखबारों में कहीं न कहीं किसी प्रकार की गोलीबारी की खबरें पढ़ी। मुझे हमेशा चिंता रहती थी कि क्या हम अमेरिका में रहकर सही काम कर रहे हैं? लेकिन वह मुझे हमेशा आश्वासन देते थे कि अमेरिका में अच्छी बातें होती हैं।’
ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत अनुपम रे स्थिति पर नजर रख कर रहे हैं और शोक संतृप्त परिवार और कंसास में रहने वाले (भारतीय) समुदाय को हर संभव मदद कर रहे हैं। रे ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘घटना के तत्काल बाद ही महावाणिज्य दूतावास ने उप महावाणिज्य दूत आर डी जोशी और वाइस काउंसल एच सिंह को इस मुश्किल घड़ी में श्रीनिवास के परिवार का साथ देने के लिए कंसास रवाना किया गया।’
रे ने कहा कि जोशी एवं सिंह तभी से श्रीनिवास के परिवार के साथ हैं और दुख की इस घड़ी में उन्होंने सुनयना को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। जोशी कंसास सिटी में ऑलेथ में डरे-सहमे भारतीयों और घायल अलोक मदसनी से बुधवार को मिले। मदसनी को अब अस्पताल से छुट्टी मिल गयी है। गोलीबारी में घायल दूसरे व्यक्ति की पहचान अमेरिकी नागरिक इयान ग्रीलोट (24) के तौर पर हुई है। वह बीच बचाव करने के दौरान घायल हुआ था। यूनिवर्सिटी ऑफ कंसास हास्पिटल के प्रवक्ता ने बताया कि उसकी हालत अब स्थिर है।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मामले पर दुख जाहिर करते हुए ट्वीट किया, ‘मैं कंसास में हुई गोलीबारी की उस घटना से स्तब्ध हूं जिसमें श्रीनिवास कुचिभोटला की मौत हो गई। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं।’ चश्मदीदों ने बताया कि पुरिनतोन की कथित तौर पर पीड़ितों से नस्ली मुद्दों पर बहस हो गई थी और वह उनपर गोलियां चलाने से पहले ‘मेरे देश से निकल जाओ’, ‘आंतकियों’ कहते हुए चिल्ला रहा था। वह अमेरिका में उनके रहने और काम करने तथा वे उससे कैसे बेहतर स्थिति में है, जैसे सवाल कर उन्हें कथित तौर पर उकसा रहा था।
पुलिस के अनुसार पुरिनतोन बहस के बाद बार से चला गया था लेकिन फिर वह बंदूक लेकर वहां वापस आया और तीनों को गोली मार दी। कंसास के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी स्टीफन होव ने पत्रकारों से कहा कि पुरिनतोन को घटना के पांच घंटे बाद गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। जॉनसन काउंटी में उसके खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत हत्या करने का प्रथम श्रेणी का मामला और दो अन्य मामले दर्ज किये गये हैं।
बहरहाल उन्होंने मामले में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया। हालांकि अब स्थानीय पुलिस के साथ एफबीआई भी मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि यह घटना उस समय हुयी है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही अमेरिका में नस्ली हमलों और कट्टरपंथी कृत्यों में बढ़ोतरी हुयी है।
गार्मिन के अनुसार श्रीनिवास, और आलोक कंपनी के एविएशन सिस्टम में काम करते थे। उसने कहा, ‘हमें यह कहते हुए बड़ा दुख हो रहा है कि श्रीनिवास चल गया। वैसे अस्पताल में आलोक की स्थिति सुधर रही है।’ श्रीनिवास और आलोक क्रमश: हैदराबाद और वारंगल के रहने वाले थे। श्रीनिवास हैदराबाद के जवाहर लाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से स्नातक और टेक्सास विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रोनिक्स अभियांत्रिकी से स्नातोकोत्तर थे।
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