लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बेकाबू हो रहे कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सोमवार को टीम 11 की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वह न तो तालाबंदी (Lockdown, लॉकडाउन) करेंगे और न ही लोगों को मरने देंगे। यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में मरीजों के लिए अस्पताल के बेड की कमी नहीं हों।
मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा, “गलतफहमी में न रहें, लॉकडाउन नहीं लगेगा। हम जनता को मरने नहीं देंगे, बेड की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। पहले से पूरी तैयारी करें। आवश्यकतानुसार निजी हॉस्पिटलों और मेडिकल कॉलेजों का टेकओवर करें।” उन्होंने जिलों में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने प्रदश में कोरोना की स्थिति का प्रबंधन करने के लिए निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को संभालने का सुझाव दिया। ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और इलाज पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ने पर कमियों को दूर करने के लिए निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों पर नियंत्रण रखा जाए। हमारी प्राथमिकता कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एक प्रभावी रणनीति को लागू करना है। हमें पूरी तैयारी के साथ कोरोना महामारी का मुकाबला करना होगा क्योंकि इस लड़ाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।”
पिछले साल अपनी सरकार के कोविड प्रबंधन की प्रशंसा करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पिछले साल की तरह हमें इस युद्ध को बड़ी ताकत से लड़ना होग। ऑक्सीजन सुविधा के साथ और बेड बढ़ाने होंगे।”
निजी अस्पतालों में निर्धारित दरों से अधिक शुल्क वसूलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, “पीड़ितों पर खास ध्यान रखने की जरूरत है। गलत और भ्रामक जानकारी देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने 15 मिनट में एंबुलेंस के लिए प्रतिक्रिया देने का समय निर्धारित किया है। उन्होंने 108 एंबुलेंस सेवा को आधी कोविड, आधी बिना कोविड के लिए और एंबुलेंस का रेस्पांस टाइम 15 मिनट रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूरी लड़ाई का केंद्रबिंदु इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को बनाने और उसकी एक-एक गतिविधि की निगरानी पर जोर दिया है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी भी हालत में कोविड रिपोर्ट (Covid-19 Test Report) देने में देरी नहीं होनी चाहिए। इस दौरान जरूरत पड़ने पर निजी प्रयोगशालाओं से मदद लेने या पूरी तरह से उनकी मदद लेने और उन्हें आवश्यक राशि का भुगतान करने का सुझाव भी दिया गया। उन्होंने प्रदेश में आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट की क्षमता 70 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्देश दिया है।
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