नई दिल्ली। देश की तीसरी सबसे बड़े टेलिकॉम सर्विस प्रदाता कंपनी वोडाफोन-आइडिया पर बंदी के काले बादल मंडराने लगे हैं। आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला ने साफतौर पर कहा है कि अगर सरकार राहत नहीं देती है तो वोडाफोन-आइडिया बंद हो जाएगी।
कुमारमंगलम ने शुक्रवार को एक सम्मेलन में यह बात कही है। उन्होंने कहा, “अगर सरकार मांगी गई राहत नहीं देती है तो हमें अपनी दुकान अर्थात वोडाफोन-आइडिया को बंद करना पड़ेगा।” कुमारमंगलम ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उनसे सरकार से राहत नहीं मिलने की स्थिति में कंपनी की रणनीति के बारे में पूछा गया था। वह वोडाफोन-इंडिया और आइडिया सेल्युलर के विलय से बनी कंपनी वोडाफोन-आइडिया के चेयरमेन हैं।
अपने इस बयान के माध्यम से कुमारमंगलम ने संकेत दिया है कि अगर सरकार से राहत नहीं मिलती है, तो वह कंपनी में कोई और निवेश नहीं करेंगे। उन्होंने ने कहा, “डूबते पैसे में और पैसा निवेश कर देने का कोई मतलब नहीं है।…अगर सरकार से राहत नहीं मिलती है, तो वे कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में ले जाएंगे।”
कुमारमंगलम का यह बयान उनके टेलिकॉम वेंचर के ओवरसीज पार्टनर वोडाफोन के सीईओ निक रीड द्वारा पिछले महीने दिये गए उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि “अगर आपको कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है, तो स्थिति गंभीर है। इससे आप लिक्विडेशन की तरफ बढ़ रहे हैं।”
गौरतलब है कि वोडाफोन आइडिया को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत के कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा तिमाही नुकसान हुआ था। कंपनी को इस तिमाही में 50,922 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा हुआ था। वोडाफोन-आइडिया को हुआ यह घाटा कंपनी द्वारा साल-दर-साल कमाए गए कुल राजस्व के 10 गुने के बराबर है। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए AGR Verdict में वोडाफोन-आइडिया को 28,300 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।