मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्षयवट का दर्शन-पूजन और परिक्रमा कर कुंभ के सकुशल संपन्न कराने की कामना की। इसके बाद वह किले में ही स्थित सरस्वती कूप पहुंचे और विकास कार्यों का लोकार्पण किया।

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यहां किले में अक्षयवट और सरस्वती कूप को दर्शन-पूजन करने के बाद इन्हें जनता के लिए खोल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज आगमन पर इसकी घोषणा की थी। अब प्रयागराज आने वाला कोई भी व्यक्ति इनके दर्शन कर सकेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभ मुहूर्त में दोपहर 12.1 बजे प्रयागराज के ऐतिहासिक किले में अक्षयवट द्वार पर शिलापट का अनावरण किया। वह इस किले में बनाए गए नए मार्ग से पवित्र वट तक पैदल गए। इस दौरान वहां अक्षयवट का दर्शन-पूजन और परिक्रमा कर कुंभ के सकुशल संपन्न कराने की कामना की। इसके बाद वह किले में ही स्थित सरस्वती कूप पहुंचे और विकास कार्यों का लोकार्पण किया। इसके बाद वह सरस्वती मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने किले के अंदर सरस्वती कूप के दर्शन के साथ ही सरस्वती की प्रतिमा का लोकार्पण कर दर्शन भी किए।


मूल अक्षयवट का द्वार खोलने के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से लगभग साढ़े चार सौ साल बाद मूल अक्षयवट को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। प्रयागराज के कुंभ में देश-दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। इस बार के कुंभ में लगभग 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। यह कुंभ उपलब्धियों के लिए जाना जाएगा।

गौरतलब है कि गंगा और यमुना प्रयागराज में दिखाई पड़ती हैं पर सरस्वती नदी अदृश्य हैं। माना जाता है कि सरस्वती कूप के दर्शन से त्रिवेणी का पुण्य प्राप्त होता है। इसी कारण यहां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना कराई गई।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी 17 जनवरी को कुंभ मेला आएंगे। उनके साथ उनकी पत्नी और पुत्र भी होंगे। वह भारद्वाज आश्रम में भारद्वाज मुनि की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

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