जौनपुर। उत्तर प्रदेश में “लव जिहाद” के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे अपराध में शामिल होने वाले लोगों को चेतावनी दी है। उन्होंने सख्त लहजे में कहाकि ये लोग “राम नाम सत्य” की यात्रा के लिए एकदम तैयार रहें। इन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
मल्हानी विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है। शनिवार को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी यहां पर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “कल (शुक्रवार) इलाहाबाद हाई ने एक आदेश दिया है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन को मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। इस वजह से सरकार भी निर्णय ले रही है कि हम लव जिहाद को सख्ती से रोकने का काम करेंगे। एक प्रभावी कानून बनाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “छद्म भेष में, नाम छिपाकर जो लोग बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं, उन्हें मैं चेतावनी देता हूं कि उनकी राम नाम सत्य की यात्रा निकलने वाली है। हम लोग मिशन शक्ति के कार्यक्रम को इसीलिए चला रहे हैं। मिशन शक्ति के कार्यक्रम का मतलब यही है कि हम हर मां-बहन को सुरक्षा की गारंटी देंगे। फिर भी दुस्साहस किया तो ऑपरेशन शक्ति अब तैयार है। इसका उद्देश्य यही है कि हम हर हाल में उनकी सुरक्षा करेंगे। उनके सम्मान की सुरक्षा करेंगे। न्यायालय के आदेश का पालन होगा और बहन-बेटियों का सम्मान होगा।”
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराने की छूट दी है। याची ने परिवारवालों को उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में दखल देने पर रोक लगाने की हाईकोर्ट से मांग की थी। अदालत ने इस याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने प्रियांशी उर्फ समरीन और अन्य की याचिका पर दिया है।
यह था पूरा मामला : हाईकोर्ट ने कहा है कि एक याची मुस्लिम तो दूसरा हिंदू है। लड़की ने 29 जून 2020 को हिंदू धर्म स्वीकार किया और एक महीने बाद 31 जुलाई को विवाह कर लिया। रेकॉर्ड से साफ है कि शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया गया है। हाईकोर्ट ने नूरजहां बेगम केस के फैसले का हवाला दिया, जिसमें अदालत ने कहा था कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। इस केस में हिंदू लड़की ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी की थी।
कुरान की हदीस का दिया हवाला : सवाल था कि क्या हिंदू लड़की धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी कर सकती है और यह शादी वैध होगी। कुरान की हदीस का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लाम के बारे में बिना जाने और बिना आस्था और विश्वास के केवल शादी करने के उद्देश्य से धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। यह इस्लाम के खिलाफ है। इसी फैसले के हवाले से कोर्ट ने मुस्लिम से हिंदू बनकर शादी करने वाली याचिकाकर्ता को राहत देने से इन्कार कर दिया।
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