वाशिंगटन : अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR,यूएसटीआर) द्वारा जारी दुनिया के कुख्यात बाजारों की ताजा वार्षिक सूची में दिल्ली के पालिका बाजार और ई-कामर्स वेबसाइट इंडियामार्ट डाटकाम समेत भारत के 5 बाजारों को शामिल किया गया है। वर्ष 2021 के लिए गुरुवार को जारी इस सूची में ट्रेडमार्क जालसाजी या कॉपीराइट चोरी में शामिल दुनियाभर के 42 ऑनलाइन और 35 परंपरागत बाजारों को शामिल किया गया है,
इस कुख्यात सूची में शामिल तीन अन्य भारतीय बाजारों में दिल्ली का टैंक रोड, मुंबई का हीरा पन्ना और कोलकाता का किदरपुर शामिल हैं। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने कहा, “नकली और पायरेटेड सामानों का वैश्विक व्यापार अमेरिकी नवाचार और रचनात्मकता को कमजोर करता है और अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान पहुंचाता है।” रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि ई-कामर्स वेबसाइट इंडियामार्ट पर नकली फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक सामान और परिधानों की बिक्री बड़ी मात्रा में की जाती है।
मुंबई के हीरा पन्ना बाजार में नकली घडि़यां, जूते और सौंदर्य प्रसाधन ग्राहकों को भिड़ाये जाते हैं। यहां बेचे जाने वाले नकली सौंदर्य प्रसाधन से त्वचा की गंभीर समस्याएं, जलन और आंखों की बीमारियां हो सकती हैं। सितंबर 2021 में यहां पर की गई छापेमारी में प्रीमियम घडि़यों के नकली एडिशन बेचने के आरोप में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था। यही हाल कोलकाता के किदरपुर का है, जहां पर कथित तौर पर बड़े ब्रांडों के नाम से नकली परिधान और सौंदर्य प्रसाधन बेचे जाते हैं। नयी दिल्ली का भूमिगत पालिका बाजार कथित तौर पर नकली मोबाइल फोन एसेसरीज, कास्मेटिक्स, घडि़यों और आइवियर की बिक्री के लिए जाना जाता है। यहां खरीदारी करने वालों में बड़ी संख्या छात्र-छात्राओँ और युवाओं की है जो सस्ते दामों पर आधुनिक उत्पाद चाहते हैं। दिल्ली का टैंक रोड बाजार भी कथित तौर पर नकली उत्पादों के लिए जाना जाता है।
यूएसटीआर ने पहली बार 2006 में इस तरह के कुख्यात बाजारों की पहचान की थी। फरवरी 2011 से वह हर साल कुख्यात बाजारों की सूची प्रकाशित कर रहा है, ताकि लोगों में जागरूकता बढ़े।
अमेरिका ने चीनी प्रौद्योगिकी दिग्गज अलीबाबा और टेनसेट द्वारा संचालित ई-कामर्स वेबसाइटों को भी कुख्यात बाजारों की सूची में रखा है। इसमें अलीएक्सप्रेस और वी-चैट भी शामिल हैं। अलीएक्सप्रेस का स्वामित्व जहां अलीबाबा के पास है वहीं वीचैट की मूल कंपनी टेनसेंट है। हालांकि जब इस संबंध में बीबीसी ने अलीबाबा की प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उसने कोई जवाब नहीं दिया।
प्रमाणन उद्योग संगठन (एएसपीए) के मुताबिक नकली उत्पादों की वजह से देश को हर साल एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। संगठन का मानना है कि अगर जागरूकता और निगरानी का इस्तेमाल करके इस तरह के उत्पादों पर 50 प्रतिशत भी रोक लगा दी जाए तो भारत को हर साल 50 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। भारत में सबसे ज्यादा नकली दवाइयां बनती हैं। बीते कुछ सालों में दुनियाभर में होने वाले व्यापार में नकली सामानों की हिस्सेदारी बढ़कर 3.3 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
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