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बजट 2022 : देश की रक्षा के लिए 5.25 लाख करोड़, अनुसंधान एवं स्वदेशी हथियारों को प्रोत्साहन

नयी दिल्ली : वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट में सैन्य खर्च के लिए 5.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं जिसमें सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय शामिल है। इस साल का पूंजी परिव्यय 2021-22 के बजट अनुमान से 12.8% अधिक है जब यह 1.35 लाख करोड़ रुपये था। इसके साथ ही निजी उद्योग के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25% अलग रखने के अलावा रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय रूप से उत्पादित हथियारों और प्रणालियों को खरीदने के लिए 1.03 लाख करोड़ रुपये (सेना के पूंजी बजट का 68%) निर्धारित किया गया है। साफ है कि सरकार स्वदेशी हथियारों की राह पर तेजी से आगे बढ़ना चाहती है।

संसद में बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में बताया।

रक्षा बजट अनुमानित जीडीपी का 2.03%

पिछले साल के आवंटन की तुलना में कुल बजट में 9.7% की वृद्धि हुई है। भारत ने 2020-21 में 4.71 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2021-22 के लिए अपने बजट में सैन्य खर्च के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये अलग रखे थे। इस वर्ष का रक्षा बजट 2022-23 के लिए देश के अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद का 2.03% है। इसमें 2.3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व व्यय और 1.16 करोड़ रुपये का पेंशन परिव्यय शामिल है।

चीन से विवाद के बीच सेना ने खर्च किए 21,000 करोड़ रुपये

बजट दस्तावेजों में संशोधित अनुमान बताते हैं कि सशस्त्र बलों ने पिछले साल के बजट आवंटन के शीर्ष पर 21,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। ऐसा इसलिए भी माना जा सकता है कि भारत ने चीन के साथ सीमा रेखा पर लंबे समय से अपना सख्त रुख अपनाया हुआ है जिसके चलते भारत को आपातकालीन खरीद भी करनी पड़ी थी और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है। पिछले साल, सशस्त्र बलों ने देश की सीमाओं पर नई सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए हथियारों और प्रणालियों की आपातकालीन खरीद पर 20,776 करोड़ रुपये खर्च किए।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, “हमारी सरकार सशस्त्र बलों के लिए उपकरणों में आयात को कम करने और आत्मानिभर्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, और पूंजीगत खरीद बजट का 68% घरेलू उद्योग के लिए 2022-23 में निर्धारित किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि निजी उद्योग को एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) मॉडल के माध्यम से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य प्लेटफार्मों और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने कहा “उत्कृष्ट बजट”

स्वदेशी खरीद के लिए आवंटन, लगातार तीसरे वर्ष, तेजस एलसीए (हल्के लड़ाकू विमान) एमके -1 ए जेट, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच), बुनियादी ट्रेनर विमान, अर्जुन एमके -1 ए टैंक, विभिन्न प्रकार की मिसाइल और अन्य हथियार खरीद को शक्ति प्रदान करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने “उत्कृष्ट बजट” पेश करने के लिए सीतारमण को बधाई दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “यह एक ऐसा बजट है जो ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा, मांग को बढ़ावा देगा और एक मजबूत, समृद्ध और आत्मविश्वास से भरे भारत के लिए क्षमता का निर्माण करेगा।”

gajendra tripathi

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