स्वयं भगवान मूर्तिमान होकर जनाबाई का हाथ बंटाते थे वो कुछ प्रसंग….
भगवान के प्रति जनाबाई का प्रेम बहुत बढ़ गया। भगवान समय-समय पर उसे दर्शन देने लगे। जनाबाई चक्की पीसते समय भगवान के ‘अभंग’ गाया करती थी, गाते-गाते जब वह अपनी…
भगवान के प्रति जनाबाई का प्रेम बहुत बढ़ गया। भगवान समय-समय पर उसे दर्शन देने लगे। जनाबाई चक्की पीसते समय भगवान के ‘अभंग’ गाया करती थी, गाते-गाते जब वह अपनी…
माँ स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनकी उपासना करने से साधक अलौकिक तेज की प्राप्ति करता है । यह अलौकिक प्रभामंडल प्रतिक्षण उसके योगक्षेम का निर्वहन करता है। एकाग्रभाव…
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की हसीन वादियों में स्थित है, दन्तेवाड़ा का प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर। देवी पुराण में शक्ति पीठों की संख्या 51 बताई गई है , जबकि तन्त्रचूडामणि में…
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे। नवरात्र-पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी के स्वरूप की ही उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘अदाहत’ चक्र में…