Category: Worship/Puja-Path

नवरात्रि माँ दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप श्री मां कुष्मांडा की उपासना विधि एवं फल

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे। नवरात्र-पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी के स्वरूप की ही उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘अदाहत’ चक्र में…

नवरात्रि माँ दुर्गा के तृतीय स्वरूप श्री चंद्रघंटा जी की उपासना विधि एवं फल

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥ माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन…

नवरात्र : प्रथम स्वरूप माँ ‘शैलपुत्री’ की पूजा और उपासना

वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌। वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥ देवी दुर्गा के नौ रूप होते हैं।दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री’ के नाम से जानी जाती हैं।ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा…

उज्जैन में हरसिद्धि देवी की आराधना करने से शिव और शक्ति दोनों की हो जाती है पूजा

उज्जयिन्यां कूर्परं व मांगल्य कपिलाम्बरः। भैरवः सिद्धिदः साक्षात् देवी मंगल चण्डिका। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता सती के पिता दक्षराज ने विराट यज्ञ का भव्य आयोजन किया था…

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