नई दिल्ली, 5 नवम्बर। अभिनेता अनिल कपूर का मानना है कि देश में बढ़ती असहिष्णुता के मद्देनजर पुरस्कार लौटाना जायज नहीं है। उनका मानना है कि असहिष्णुता देश में हमेशा से थी और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। निर्देशक दिबाकर बनर्जी समेत कई लेखकों और फिल्मकारों ने हाल ही में अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाए थे।
यह पूछने पर कि क्या पुरस्कार लौटाना उचित है, अनिल ने कहा कि नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान के देश में बढ़ती असहिष्णुता पर दिए बयान के बाद से ही इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई थी। शाहरूख ने बढ़ती असहिष्णुता पर कड़ी प्रक्रिया देते हुए कहा था कि यह रचनात्मकता और धार्मिकता के प्रति संकीर्णता है और इससे राष्ट्र का अहित होगा। यह बयान उन्होंने अपने 50 वें जन्मदिन पर दिया था।
साइबर सुरक्षा के संदर्भ में उचित कदम उठाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने राजधानी आए 58 साल के अभिनेता ने शाहरूख के बयान पर कहा कि मुझे नहीं पता उन्होंने क्या कहा था। लेकिन जितना मैं उन्हें जानता हूं ..उससे मुझे नहीं लगता उनका इरादा किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने का रहा होगा।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह (असहिष्णुता) जो हो रहा है, ऐसा कुछ नहीं है जो पहली बार हो रहा है। देश में चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की हमें एकसाथ सद्भाव से जीना चाहिए। बता दें कि बीजेपी के कई सांसदों ने शाहरूख के बयान की कड़ी निंदा की थी। योगी आदित्यनाथ ने तो शाहरूख की तुलना पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद से ही कर दी थी।