जयंती विशेष : ट्रैजिडी क्वीन मीना कुमारी के जन्मदिन पर जानिए कुछ खास बातें

नई दिल्ली। आज ट्रैजिडी क्वीन मीना कुमारी की 87 वीं जयंती है। ट्रैजिडी क्वीन कही जाने वाली मीना कुमारी आज भी लाखों दिलों पर राज करती हैं। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में शुमार होने के साथ ही मीना उम्दा शायर और गायिका भी थी। मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1932 को बंबई में हुआ था। मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बेगम था। भारतीय सिनेमा की ट्रैजिडी क्वीन कही जाने वाली मीना कुमारी आज भी लाखों दिलों पर राज करती हैं। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में शुमार होने के साथ ही मीना उम्दा शायर और गायिका भी थी। मीना कुमारी के फिल्मी करियर की शुरुआत 1939 में फिल्म “लैदरफेस” से हुई जिसके निर्देशक विजय भट्ट थे। विजय भट्ट की फिल्म बच्चों का खेल में 13 वर्ष की महजबीन का नाम मीना कुमारी दिया गया। जिसके बाद से ही महजबीन मीना कुमारी के नाम से जानी जाती हैं।
मीना कुमारी के जीवन से जुड़ी खास बातें

  1. मीना कुमारी के जन्म के समय उनके घर में बहुत गरीबी थी। कहा जाता है कि उनके जन्म के बाद उनके परिवार के पास डॉक्टर को देने के लिए पैसे नहीं थे। जिसके चलते उनके पिता अली बख्‍श उनको अनाथालय की सीढ़ियों पर छोड़ आए थे। लेकिन पिता का मन नहीं माना और वे वापस जाकर उन्हें अनाथालय के बाहर से घर ले आए और उनकी परवरिश की।
  2. मीना कुमारी ने कई गीतों को अपनी आवाज़ भी दी थी। दरहसल, मीना कुमारी की मां इकबाल बानो गायिका थीं। उन्हें उनकी मां से गायिकी की तालीम मिली। मीना कुमारी ने ‘बहन’ फिल्म में अपना पहला गीत “ले चल मुझे अपनी नगरिया गोकुल वाले सांवरिया” गाया था। जिसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में गीत गाए। साथ ही उन्होंने उन्होंने “ईद का चांद” फिल्म में संगीतकार का भी काम किया था।
  3. अपने 30 साल के पूरे फिल्मी सफर में मीना कुमारी ने 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। 1954 में फिल्म ‘बैजू बावरा’ ने मीना कुमारी को बेस्‍ट एक्‍ट्रेस का फ़िल्मफेयर अवॉर्ड भी दिलवाया था।
  4. मीना कुमारी (Meena Kumari) और कमाल अमरोही की शादी के किस्से बहुत मशहूर हैं। जब कमाल अमरोही आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, तब मीना कुमारी ने अपनी सारी कमाई देकर उनकी मदद की थी। लेकिन दोनों के रिश्ते में मिठास बरकरार नहीं रही थी। दोनों एक दूसरे से अगल हो गए थे।
  5. फिल्म ‘पाकीजा’ (pakeezah) से मीना कुमारी लोगों के दिलों पर छा गईं थीं। इस फिल्म के रिलीज होने के तीन हफ्ते बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। इलाज के 2 दिन बाद 31 मार्च 1972 को गुड फ्राइडे के दिन 38 साल की मीना कुमारी ने अंतिम सांस ली थी।
vandna

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