नई दिल्ली।20 साल पुराने काला हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड के सलमान खान को जोधपुर कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में कोर्ट ने सलमान खान को दोषी ठहराया है। अदालत ने सलमान खान को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा का एलान कर दिया, जिसके बाद सलमान खान को हिरासत में लेकर जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया ।
काले हिरणों के शिकार का मामला
फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान सन् 1998 में उन पर दो काले हिरणों के शिकार का मामला दर्ज किया गया था। सलमान को आरोपी माना गया है, उन्हें पांच साल की सजा का फैसला सुनाया गया है,जबकि अन्य आरोपियों सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे को बरी कर दिया गया।
काला हिरण का शिकार करने पर सलमान खान के खिलाफ जोधपुर में तीन मामले दर्ज किए गए थे,जबकि एक मामला अवैध हथियार रखने का था।काला हिरण वाले तीनों मामलों में वह दोषी ठहराए जा चुके हैं वैसे तो किसी भी वन्य जीव का शिकार करने पर प्रतिबंध है, लेकिन सलमान का मामला काला हिरण का होने की वजह से गंभीर हो गया। हम आपको बता रहे हैं कि आखिर काला हिरण इतना खास क्यों है।
काला हिरण को भारतीय मृग के नाम से भी जाना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो यह जीनस एन्टीलोप में आता है। जो इस वर्ग की एकमात्र बची हुई प्रजाति है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है।
अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की सूची के अनुसार काला हिरण संकट-निकट (Near Threatened या NT) श्रेणी में पहुंच गया है। मतलब हिरण की इस प्रजाति के निकट भविष्य में संकटग्रस्त हो जाने की संभावना है।
काला हिरन का शिकार निषेद्ध है।
काला हिरण भारत, नेपाल और पाकिस्तान में पाई जाने वाली हिरण की एक प्रजाति है। यह मूलतः भारत में और पाया जाता है, जबकि बांग्लादेश में यह विलुप्त हो गया है। 20वीं सदी के दौरान, अत्यधिक शिकार, वनों की कटाई और निवास स्थान में गिरावट के चलते काले हिरन की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। भारत में 1972 के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अनुसूची 1 के तहत काला हिरन का शिकार निषेद्ध है।
भारत सरकार ने वर्ष 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था। इसका मकसद वन्यजीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था। इसे वर्ष 2003 में संशोधित किया गया। तब इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 रखा गया।इसके तहत दंड और जुर्माना को कहीं कठोर कर दिया गया।
भारतीय वन संरक्षण अधिनियम, 1972 के अनुसार जीवों को अलग-अलग अनुसूची में रखा गया है, जिनमें से काला हिरण अनुसूची-1 में आता है, जिसमें वन्यजीवन को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के प्रवाधान हैं और इसके तहत अपराधों के लिए उच्चतम दंड (3 से 7 साल तक की जेल) निर्धारित हैं। इसी वजह से सलमान का मामला गंभीर हो गया।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम को देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने एवं अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के लिए लागू किया था।जनवरी 2003 में अधिनियम में संशोधन किया गया था और सजा तथा अधिनियम के तहत अपराधों के लिए जुर्माना और अधिक कठोर बना दिया गया।
विश्व-स्तर पर विभिन्न जातियों की संरक्षण-स्थिति पर निगरानी रखने वाले सर्वोच्च संगठन अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने वन्य जीवों की दुनिया में मौजूदगी को देखते हुए रेड डेटा सूची निर्धारित की हुई है, जिसे विलुप्त (जो बिल्कुल समाप्त हो गए), संकटग्रस्त (जिन पर लुप्त होने का खतरा है) और कम जोखिम (जो भविष्य में संकटग्रस्त हो सकती हैं) में बांटा गया है।काला हिरण फिलहाल कम जोखिम की संकट-निकट (Near Threatened या NT) कैटेगरी में है।