शशि कपूर (टॉप पर)

पने जमाने के बॉलीवुड स्टार शशि कपूर किशोरावस्था में पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ बरेली आये थे। इस दौरान वह उस समय गुस्से में आ गये थे जब बरेली कॉलेज के कुछ हुड़दंगी छात्रों ने पृथ्वी थिएटर की टीम पर हमला करने की कोशिश की। शशि कपूर ने न केवल इन कथित छात्र नेताओं को हाथ में चेन लहराते हुए खदेड़ दिया बल्कि कुछ को तबके गुल्लू होटल के पास के नाले में भी धकेल दिया। हिन्दी सिनेमा के शीर्ष अभिनेता व राज्यसभा सदस्य पृथ्वीराज कपूर ने कोतवाली पुलिस बुलाकर कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी करवा दी थी।

हिन्द टॉकीज का संचालन करने वाले स्वर्गीय प्राण नाथ कपूर के भाई नरेंद्र नाथ कपूर बताते हैं कि वर्ष 1954 की गर्मियों में पृथ्वी थिएटर का नाट्य दल हिन्द सिनेमा (टॉकीज) में नाटक का मंचन करने आया था। इस दल ने यहां पठान, दीवार, दहेज समेत कई नाटक मंचित किए। इस दौरान एक दिन के लिए राज कपूर और नरगिस भी बरेली आई थीं। पृथ्वीराज कपूर, शशि कपूर, रविंदर कपूर आदि को हिन्द टॉकीज के पास ही पंडित मथुरा प्रसाद की कोठी में ठहराया गया था। यह दल एक सप्ताह तक बरेली में रुका था।

उस समय नाटक का टिकट 2,  7 और 10 रुपये का था। बरेली कॉलेज के कुछ छात्रों एवं कालीबाड़ी के कुछ युवाओं ने कनशेसन को लेकर हिन्द टॉकीज पर हंगामा करने के साथ ही कलाकारों के साथ बदतमीजी कर दी। शशि कपूर ने उन लोगों को समझाने और रोकने का प्रयास किया। इसके बावजूद कुछ लोगों के तोड़-फोड़ करने पर वह भी हिन्द सिनेमा के कर्मचारियों के साथ हमलावरों पर टूट पड़े और एक हमलावर की चेन छीन उसे लहराते हुए उपद्रवियों को खदेड़ दिया। शशि कपूर ने कुछ हमलावरों को गुल्लू होटल के पास वाले नाले में भी धकेल दिया। कुछ हमलावरों को पकड़ कर कोतवाली पुलिस को सौंप दिया। बाद में माफी मांगने पर पृथ्वी राज कपूर ने उन लोगों को पुलिस से छुड़वा भी दिया।

स्वर्गीय प्राणनाथ कपूर।

बरेली इंटर कॉलेज के मैनेजर जेएन सक्सेना बताते हैं कि वह भी पृथ्वी राज कपूर का पठान नाटक देखने अपने मित्र गिरीश के साथ हिन्द सिनेमा गये थे। अगले दिन जब वह पंडित मथुरा प्रसाद की कोठी पर गिरीश के साथ गये तो एक नौजवान तख्त पर बैठकर स्नान कर रहा था। गिरीश कपूर ने बताया कि ये पृथ्वीराज कपूर के पुत्र शशि कपूर हैं। बाद में शशि कपूर अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ ब्लू पिलाई माउथ कार से राजा पीलीभीत के यहां दोपहर के भोजन के लिए चले गए।

नरेंद्र नाथ कपूर।

हिन्द सिनेमा के मालिक रहे नरेंद नाथ कपूर, जिन्होंने जितेन्द्र एवं सुलक्षणा पंडित को लेकर मददगार और आदित्य पंचोली अभिनीत गमन फ़िल्म का निर्माण भी किया था, बताते हैं कि उनके दादा केशव राम कपूर अपने पुत्र प्रेम नाथ कपूर के साथ निस्बत (लाहौर) से शरणार्थी के रूप में पहले अमृतसर और उसके बाद लखनऊ आये थे। उनके पिताजी प्रेम नाथ कपूर ने हातिमताई समेत 20 फिल्में लाहौर में बनाई थीं। वह पृथ्वीराज कपूर के मित्र थे। बरेली में रोडवेज के महाप्रबंधक रहे अपने रिश्तेदार रोशन लाल के कहने पर प्रेम नाथ कपूर अपने पुत्र प्राण नाथ और नरेंद्र नाथ कपूर के साथ बरेली आ गए।

बरेली में इब्राहिम स्टेट में उस समय हिन्द सिनेमा भवन बन रहा था पर उसको सिनेमा हॉल की स्वीकृति नही मिली थी। इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रेमनाथ कपूर के परिवार को शरणार्थी कोटे से सिनेमा हॉल की विशेष स्वीकृति दिलवाई थी। शुरुआती दौर में इसमें दिल्लगी और दुलारी फ़िल्में प्रदर्शित हुई थीं। कुछ कारणों के चलते हिन्द सिनेमा जल्द ही बन्द हो गया। 1954 में मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने हिन्द सिनेमा की रिओपनिंग करवाई तो यहां आवारा फ़िल्म लगी थी। लोकसभा सदस्य रहे राममूर्ति भी हिन्द सिनेमा के वर्ष 1954 में हुए पुनर्उद्घाटन में शामिल हुए थे। हिन्द सिनेमा के पीछे का मार्ग आज भी प्रेम नाथ कपूर मार्ग के नाम से जाना जाता है जिसका वहां पत्थर भी लगा है।

जेएन सकसेना का साथ निर्भय सक्सेना।

नरेंद्र नाथ कपूर ने अपने बड़े भाई प्राण नाथ कपूर की स्मृति में बरेली में प्राण नाथ कपूर मेमोरियल ऑल इंडिया हॉकी टूर्नामेंट बरेली कॉलेज में कराया था। इसमे देश की नामी हॉकी टीमों ने भाग लिया था।

निर्भय सक्सेना

(लेखक पत्रकार संगठन उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं)

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