Movie Review:’बरेली की बर्फी’, जानें कैसा है इसका ‘स्वाद’

नई दिल्‍ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति सेनन, एक्टर आयुष्मान खुराना और राजकुमार राव स्टारर फिल्म ‘बरेली की बर्फी’ बॉक्सऑफिस पर रिलीज हो गई है।बॉलीवुड में लव ट्रंगल मूवी बहुत बन चुकी है लगभग २० से 25 करोड़ बजट की फिल्म बरेली की बर्फी में लव ट्रंगल को देखना मजेदार होगा। ऐसे में पूरी फिल्म कैसी रही ये जानने के लिए लोग उत्सुक हैं। ‘बरेली की बर्फी’ की कहानी फिल्म के किरदार बिट्टी शर्मा (कृति सैनन) के इर्द- गिर्द घूमती है।फिल्म गर्ल लीड रोल के हिसाब से बनाई गई है।
बॉलीवुड में इन दिनों महिला केंद्रित फिल्में बनाने का दौर चल पड़ा है। कंगना रनौत की ‘क्वीन’ हो या फिर तापसी पन्नू की ‘पिंक’. पिछले कुछ समय से बड़े पर्दे पर लगातार अभिनेत्रियां छाई हुई हैं. ‘नील बट्टे सन्नाटा’ जैसी गंभीर फिल्म बना चुकी डायरेक्टर अश्विनी अय्यर इस बार अपनी ‘बरेली की बर्फी’ की लीड कैरेक्टर कृति सैनन को लेकर आये हैं कृति सैनन बहुत ही खूबसूरत हैं और फैशनेबल भी   और इस फिल्म में यही उनकी कमजोरी है। बरेली की एक साधारण सी लड़की के रोल में वो फिट नहीं बैठती हैं। कॉस्ट्यूम के जरिए उन्हें कैरेक्टर में साधने की कोशिश की गई है लेकिन हाव भाव और बातचीत से वो बनावटी लगती हैं।

फिल्म के लीड कैरेक्टर की कमजोरी का फायदा इस फिल्म में सपोर्टिंग रोल कर रहे राजकुमार राव को मिलता है और वो पूरा लाइम लाइट खींच ले जाते हैं। राजकुमार इस फिल्म में प्रीतम विद्रोही के किरदार में इतने दमदार हैं कि आयुष्मान खुराना और कृति सैनन दोनों पर भारी पड़ जाते हैं। जब से फिल्म में उनकी एंट्री होती है फिल्म में जान आ जाती है।

कहानी-

‘बरेली की बर्फी’ एक ऐसी लड़की बिट्टी (कृति सैनन) की कहानी है जो अंग्रेजी फिल्में देखती है, सिगरेट पीती है और छत पर खुले में ब्रेक डांस करती है। उसके अंदर हर वो गुण हैं जो समाज कभी भी एक लड़की में हो तो उसे अवगुण ही मानता है। इस वजह से दो-दो बार उसकी इंगेजमेंट होते-होते रह गई है। बिजली विभाग के शिकायत डिपार्टमेंट में काम करने वाली बिट्टी को शादी के लिए ऐसे लड़के की तलाश है जो कम से उससे ऐसे सवाल तो ना पूछे कि क्या वो ‘वर्जिन’ है? वो जैसी भी है उसे पसंद कर ले. वो कहती भी है, ‘कोई तो है भैया इस दुनिया में.. जिसे लगता है कि हम जैसे भी हैं, अच्छे हैं और उसे पसंद हैं। ’

वो घर से भागने की सोचती है फिर स्टेशन पर ‘बरेली की बर्फी’ किताब पढ़ती है और वापस लौट आती है। उसे लगता है कि लेखक प्रीतम विद्रोही (राजकुमार राव) ने अपनी किताब में जिसके बारे में लिखा है वो बिट्टी ही है। प्रीमत विद्रोही को खोजने का सिलसिला शुरू होता है और उसी मुलाकात चिराग (आयुष्मान खुराना) से होती है। दोनों की दोस्ती होती है और प्रीमत विद्रोही के आते ही कहानी लव ट्राएंगल में बदल जाती है।

एक्टिंग

फिल्म के एक सीन में बिट्टी अपने पापा से कहती है कि बेटा होता तो लोग कहते क्या हुआ जो सिगरेट पीता है। क्या हुआ एक दो बार इंगेजमेंट होते-होते रह गई लेकिन उस पर सवाल इसलिए उठते हैं कि क्योंकि वो एक लड़की है। इस सीन में कृति इतनी भावहीन दिखती हैं कि इतना गंभीर विषय पर भी दर्शक के अंदर कोई भाव नहीं जगा पाता।

इस फिल्म में बिट्टी की मां के किरदार में अभिनेत्री सीमा पाहवा खूब जमती हैं। पकंज त्रिपाठी ऐसे पिता के किरदार में हैं जो बेटी से सिगरेट मांग कर पीते हैं. ये फिल्म करीब एक घंटे 50 मिनट की है जिसे पकंज त्रिपाठी, सीमा पाहवा और राजकुमार राव जैसे दमदार एक्टर्स भी नहीं बचा पाए हैं।
आयुष्मान खुराना की पिछली फिल्म मेरी प्यारी बिंदू भी लोगों को कुछ खास पंसद नहीं आई थी और इस बार वो स्क्रीन पर तब तक जमें हैं जब तक फ्रेम में राजकुमार राव नहीं हैं। राजकुमार के पर्दे पर आते ही आयुष्मान सपोर्टिंग एक्टर जैसे लगते हैं।

सबसे ज्यादा अखरती है कृति सैनन की कमजोर एक्टिंग जो फिल्म के क्लाइमैक्स में भी इतनी भाव शून्य दिखती है कि सब फीका पड़ जाता है. ‘हिरोपंती’ और ‘दिलवाले’ में कृति को पसंद किया गया था।

क्यों देखें

ये एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है तो कहीं-कहीं हंसाती भी है। इस फिल्म में कुछ ऐसे डायलॉग भी हैं जो आप पहली बार सुन रहे होंगे। जैसे- ‘ये तो आस्तीन का एनाकोंडा निकला…’, ‘डिप्रेस करने भेजा था तुम इंप्रेस करके आ गए हो..’. ‘चिराग के पिता ने सोचा था कि लड़का बड़ा होकर नोट छापेगा…. वो छापता तो पर पैसे नहीं, पैंपलेट्स.’ इत्यादि. इस फिल्म की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे ज्यादा खींचा नहीं गया है। ‘बरेली की बर्फी’ फीकी है लेकिन फैमिली के साथ एक बार देखी जा सकती है।

 

bareillylive

Recent Posts

आसुरी शक्तियां स्वयं होंगीं समाप्त, सनातन को नहीं कोई खतरा :प्रेम भूषण जी महाराज

Bareillylive : कुछ लोग कहते हैं सनातन धर्म खतरे में है। सनातन संस्कृति पर बहुत…

2 hours ago

मनुष्य को जीव की चर्चा में नहीं बल्कि जगदीश की चर्चा में रहना चाहिए : प्रेम भूषण जी

Bareillylive : विषयी व्यक्ति का भगवान में मन नहीं लग सकता है, मंदिर और सत्संग…

5 hours ago

उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समाज की रामलीला 06 अक्टूबर से, बच्चों को जड़ों से जोड़ता है मंचन

बरेली @BareillyLive. उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समाज के तत्वावधान में 40वां श्रीरामलीला महोत्सव कल रविवार से प्रारम्भ…

6 hours ago

30वें रुहेलखंड महोत्सव में पुरस्कृत हुए प्रतिभागी, विशेष पुरस्कार जयराज विक्टर को

Bareillylive: गांधी जयंती एवं शास्त्री जयंती के उपलक्ष्य में ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन एवं जिला…

8 hours ago

गांधी जयंती उनकी महान उपलब्धियों और विचारों को याद करने का अवसर :अजय शुक्ला

Bareillylive : महानगर कांग्रेस कमेटी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती पर सामूहिक सहभोज…

1 day ago

मनुष्य जीवन का आधार जानने के लिये रामकथा सुनना आवश्यक : आचार्य प्रेमभूषणजी

Bareillylive : मनुष्य बच्चों के रूप में इस संसार में आता है और अपनी आयु…

1 day ago