सोमवार को राजस्थान, पंजाब और मध्यप्रदेश में पद्मावती पर बैन लग गया है। उत्तर प्रदेश सरकार इस फिल्म को पहले ही बैन कर चुकी है। जम्मू एवं कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और विधायक देवेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से राज्य में पद्मावती की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फिल्म से कुछ कथित आपत्तिजनक दृश्य हटाने को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि जब तक केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी को 18 नवम्बर को लिखे पत्र में दिए गए सुझावों पर अमल नहीं हो जाता, तब तक राजस्थान में पद्मावती फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि इस पत्र में मुख्यमंत्री ने यह सुझाव दिया था कि फिल्म एवं इसके कथानक पर प्रसिद्ध इतिहासकारों, फिल्मी हस्तियों और समाज के प्रतिनिधियों की एक समिति द्वारा इसकी समीक्षा कर यह सुनिश्चित किया जाए कि राजपूत समाज की भावनाएं आहत ना हों।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भोपाल में राजपूत प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद घोषणा की कि फिल्म को उनके राज्य में रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। शिवराज ने कहा, फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर राष्ट्रमाता पद्मावती जी के सम्मान के खिलाफ जो दृश्य दिखाए जाने की बात कही गई है तो मध्य प्रदेश की धरती पर फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि देश की जनता और मध्य प्रदेश के लोग अपने अभिमान का अपमान स्वीकार नहीं कर सकते। चौहान ने कहा कि यह अपमान असहनीय है। उन्होंने कहा कि अगर सेंसर बोर्ड फिल्म को पास कर देता है और देश में फिल्म रिलीज भी हो जाती है तो भी राज्य में इस फिल्म को प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपनी टिप्पणी में कहा, कुछ भी ऐतिहासिक है तो ..कोई भी विरोध नहीं करेगा, लेकिन यहां वे ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं चित्तौड़ जाकर वापस आया हूं और मैंने वहां सारी चीजें देखीं..तो यह इतिहास के साथ छेड़छाड़ है और कोई इसे स्वीकार नहीं करेगा। और अगर समुदाय इसका विरोध कर रहे है तो विरोध करना उनका अधिकार है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था कि जब तक फिल्म से विवादित दृश्य नहीं हटाए जाते, तब तक इसे राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विवाद की निंदा की है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को धवस्त करने की एक सोची समझी योजना बताया है। बनर्जी ने ट्वीट किया, पद्मावती विवाद न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि एक राजनीतिक दल द्वारा हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को धवस्त करने की सोची समझी योजना भी है। हम इस सुपर आपातकाल की निंदा करते हैं।
कुछ हिंदू संगठन विशेष रूप से राजस्थान की करणी सेना इस फिल्म की रिलीज का बड़े पैमाने पर विरोध कर रही है। जबकि कुछ राजनीतिक गुटों ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फिल्म की रिलीज को स्थगित करने की मांग की है। राजपूत समुदाय का कहना है कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया गया है। जबकि भंसाली लगातार इस आरोप को खारिज कर रहे हैं। फिल्म पद्मावती में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
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