Auspicious time of Ghatasthapana 2021

चैत्र मास में बांसतिक नवरात्रि व्रत रखे जाते हैं। हिंदु पंचांग के अनुसार कहा जाता है कि इस महीने से नया साल शुरू होता है, इसलिए कोई भी नया शुभ कार्य करने के लिए ये नवरात्रि के व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। पहले नवरात्रि यानी प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना की जाती है। नवरात्रि में जौ भी बोए जाते हैं। इसे माता की खेती कहते हैं, ऐसा कहा जाता है कि जौ जितने ऊंचे होते हैं उतने ही खुशहाली के संकेत देते हैं। नवरात्रि में कलश स्थापना बहुत महत्वपूर्ण है।

चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा तिथि कलश स्थापना से पहले  सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद पाद्य, लाल वस्त्र, अक्षत, पुष्प, धूप, दीपक, नैवेद्य, पुष्प और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं लेकर मां का  श्रृंगार करें। इसके बाद सबसे पहले गणपति पूजन के बाद कलश स्थापना करें। इसके लिए सबसे पहले एक लाल कपड़े में सुपारी, चावल और पैसे बांधकर इसे नारियल में बांधे और फिर लोटे में कलावा बांधकर नीचे गेहूं रखकर उस पर कलश स्थापित करें। नारियल के नीचे पान के पत्ते भी रखें। इस प्रकार विधि से कलश की रोज पूजा करनी चाहिए और नौ दिनों बाद इसे उठाया जाता है। 

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त-

दिन- मंगलवार
तिथि- 13 अप्रैल 2021
शुभ मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक।
अवधि- 04 घंटे 15 मिनट
घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक।

राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य

9058810022

By vandna

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