नई दिल्ली। शहीद परमजीत सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को जम्मू से उनके गांव तरनतारण लाया गया और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका आज अंतिम सस्कार किया गया। शहीद परमजीत सिंह को अंतिम सलामी देने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे।लेकिन परिवार उनके पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन नहीं पाया गया। परिवार शहीद परमजीत सिंह का सिर वापस लाने की ज़िद पर अड़ा हुआ लेकिन सेना ने अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को मनाया।
इससे पहले शहीद परमजीत सिंह की पत्नी ने कहा कि जब तक उनकी पति का सिर नहीं आएगा तब तक वह अंतिम सस्कार नहीं करने के लिए। शहीद परमजीत की पत्नी ने कहा, ‘मुझे मेरे पति का सिर लाकर दो’। शहीद परमजीत का परिवार उनके शरीर को देखना चाहता था लेकिन बाद में सेना के समझाने पर उनके परिवारीजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।


उनके शहीद होने की खबर आने के बाद परिवार को रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी बेटी सिमरनदीप कौर का कहना है कि उनके पिता ने देश के लिए बलिदान दिया है, उन्हें उनपर गर्व है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी बेटी ने कहा कि उन्हें अपने पिता का पूरा शव चाहिए। वहीं उनके भाई ने बताया कि हाल ही में परमजीत सिंह ने अपना घर बनवाया है। जल्द वह इसमें शिफ्ट होने वाले थे। लेकिन अब उनकी जगह उनका पार्थिव शरीर इस घर में आएगा।
बता दें कि पाकिस्तान की बीएटी ने दो जवानों के शव कत्थ-वाक्षत किए गए थे जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में सोमवार को नियंत्रण रेखा के पास पाक सेना का एक दल भारतीय सीमा में 250 मीटर तक घुसपैठ आया और वह बर्बरतापूर्ण हमला करते हुए दो सैनिकों की जान लेते हुए उनकी शव को क्षत-वक्षत कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने पुंछ में कृष्णा घाटी क्षेत्र में स्थित दो भारतीय चौकियों पर राकेट और मोटर से भारी फयरिंग की।
इस बीच, भारत ने इस घटना का पाकिस्तान से कड़ा विरोध किया था। भारत के डीजीएमओ ने पाकिस्तानी समकक्ष को फोन करके इस घटना पर कड़े विरोध जताया।

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