मुंबई। विशेष टाडा अदालत ने 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोप में अबू सलेम समेत छह आरोपियों को दोषी और अब्दुल कयूम को निर्दोष माना है। इन सभी को सजा 19 जून को सुनायी जायेगी। विशेष टाडा कोर्ट ने शुक्रवार को अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेंट, करीमुल्लाह खान और रियाज सिद्दीकी को दोषी माना है।
मुख्य साजिशकर्ता मुस्तफा दौसा –
अदालत ने सलेम को हथियार लाने और बांटने का दोषी माना है। वहीं मुस्तफा दौसा को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर ब्लास्ट और हत्या करने का दोषी पाया है। दौसा ने ही अबू सलेम के घर पर हमलों की साजिश रची थी। उस पर विस्फोटक लाने के लिए अबू सलेम को कार देने का भी आरोप है। मुंबई में 12 मार्च 1993 को हुए 12 बम धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी और करीब 712 लोग जख्मी हुए थे। Mumbai Blast में न्यायालय ने कुछ दिन पहले ही मामले की सुनवाई पूरी कर फैसले को सुरक्षित रखा था।
2005 में कराया था प्रत्यर्पण-
बता दें कि मामले में सबसे बड़ा फैसला साल 2006 में सुनाया गया था। अदालत ने सातों अभियुक्तों की अलग से सुनवाई शुरू की थी। मुस्तफा दौसा को 2004 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था। वहीं साल 2005 में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और उसकी गर्लफ्रेंड मोनिका बेदी का पुर्तगाल से प्रत्यर्पण किया गया था। मुंबई ब्लास्ट (उनउइंप इसंेज) शेष पांचों आरोपियों को भी दुबई से भारत लाया गया था।
1993 Mumbai blasts case- Special TADA Court has convicted 6 people out of 7 accused & 1 person acquitted: Deepak Salve,Spl public prosecutor pic.twitter.com/kbIq6a5PDh
— ANI (@ANI) June 16, 2017
अलग से इसलिए हुई सुनवाई –
साल 2006 में आए फैसले में उपरोक्त सातों अभियुक्तों पर अदालत ने कोई फैसला नहीं दिया था। सन 2002 के बाद सभी को विदेश से प्रत्यर्पित कराने के कारण इन सातों पर अलग से सुनवाई शुरू की गई थी। अदालत का मानना था कि इनकी सुनवाई अन्य सभी के साथ करने से फैसला आने में देर हो सकती है। इस कारण मुंबई ब्लास्ट केस को दो टाडा कोर्ट की तरफ से दो हिस्सों में बांटा गया था।
यह था मामला-
12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी और 712 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। एक अनुमान के मुताबिक धमाकों में 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हुई थी। मामले में जांच एजेंसी की तरफ से 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था।?