कुंभ मेला के अवसर पर “राम मंदिर पर संतों के मन की बात” में जुटे संत-महात्मा। चैत्र नवरात्र पर अयोध्या कूच की चेतावनी।
प्रयागराज। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में विलंब पर साधु-संत बेहद नाराज हैं। यहां कुंभ के दौरान वे इसे लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण को लेकर सतत संत समागम हो रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की धर्म संसद सरकार को चार महीने का समय दे चुकी है जबकि अनी अखाड़ा की संत सभा 24 दिन से अधिक का समय देने को तैयार नहीं है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने तो 21 फरवरी को ही मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या कूच की तैयारी कर ली है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की तर्ज पर यहां “राम मंदिर पर संतों के मन की बात” हुई। इसमें दो टूक कहा गया कि मोदी सरकार 24 दिन के अंदर संसद में अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण की तिथि घोषित करे। ऐसा नहीं होने पर संत-महात्मा चैत्र नवरात्र में अयोध्या कूच करने के साथ ही बेमियादी धरना शुरू कर राम नाम का जप शुरू करेंगे।
मेला क्षेत्र के सेक्टर 12 में दिगंबर अनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। कंप्यूटर बाबा ने कहा कि मोदी और योगी को संतों और हिंदुओं ने राम मंदिर बनाने के लिए सत्ता सौंपी थी लेकिन मंदिर बनाना तो दूर, ये लोग राम का नाम लेने में भी शर्म महसूसू कर रहे हैं। भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर राम मंदिर बनाने की बात करती है। संत-महात्माओं सन् 2014 में उसके पक्ष में माहौल बनाकर नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुमत से सत्ता में पहुंचाया, लेकिन वह मंदिर पर बात करने से भी कतराने लगे हैं। यह राम के साथ वादाखिलाफी है। संत इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मुख्य वक्ता सुमेरुपीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी नरेंद्रानंद
सरस्वती ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति से आग्रह करके सुप्रीम कोर्ट के मुख्य
न्यायाधीश को तलब करवाए। राष्ट्रपति उन्हें मंदिर मामले की प्रतिदिन सुनवाई करके
छह माह के अंदर निर्णय देने का निर्देश दें। विशेष अतिथि स्वामी चक्रपाणि महाराज
ने कहा कि भाजपा राम मंदिर के नाम पर सिर्फ वोट बटोरती रही है। वह चाहती तो मंदिर
के पक्ष में फैसला हो गया होता। जूना अखाड़ा के जगदगुरु पंचानन गिरि ने कहा कि अगर
मोदी और योगी सरकार मंदिर के पक्ष में जल्द निर्णय नहीं लेती हैं तो संत कड़ा कदम
उठाने को बाध्य होंगे। रूस से आयी राधा माता ने कहा कि न सिर्फ भारत, बल्कि विदेश में रहने वाले
हिंदू भी आस लगाए बैठे हैं कि हमारे आराध्य श्रीराम का मंदिर जल्द बने
इस दौराना परमहंस दास, जन्मेजय शरण, दास, महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास, संत
राकेशनाथ आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
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