नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के तमाम प्रावधान व अनुच्छेद 35ए को रद्द किए जाने से बौखलाए पाकिस्तान को एक और झटका लगा है। इस मामले में भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की कोशिश में अमेरिका, चीन, मालदीव, ब्रिटेन, फ्रांस आदि से हिदायत सुनने के बाद अब भारत के पुराने दोस्त रूस ने भी उसे टका सा जवाब दे दिया है। रूस ने पाकिस्तान को हिदायत दी है कि वह भारत के साथ तनाव न बढ़ाए।
रूस ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बदलाव और
उसका विभाजन भारतीय संविधान के दायरे में हुआ है। रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने
बयान में कहा, “रूस भारत और पाकिस्तान के बीच शांति
संबंधों का प्रबल समर्थक है। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों के बीच शिमला समझौता 1972 और लाहौर घोषणापत्र 1999 के तहत द्विपक्षीय वार्ता के
जरिये मुद्दों को सुलझाया जाएगा।”
पाकिस्तान ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को भी एक पत्र लिखा था लेकिन उसे वहा
से भी निराशा मिली है। यूएनएससी ने पाकिस्तान के इस पत्र पर अब तक कोई कमेंट नहीं
किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष जोआना रोनेका ने भारत के इस
ऐतिहासिक फैसले को यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन बताने संबंधी पाकिस्तान के
दावे पर कमेंट करने से इनकार किया है।
इससे पहले पाकिस्तान को अमेरिका से भी झटका लगा था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए साफतौर पर कहा है कि कश्मीर पर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं होगा।