नई दिल्ली। (NEET-JEE Exam 2020) कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को नीट-जेईई परीक्षा और केंद्र सरकार पर राज्यों के बकाया जीएसटी को लेकर एक बैठक बुलाई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार पर राज्यों के साथ भेदभाव करने और संकट में परीक्षा कराने को लेकर जमकर प्रहार किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैठक में मौजूद सभी मुख्यमंत्रियों ने परीक्षा आयोजन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर सहमति जताई। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीएसटी का भुगतान न करने को केंद्र सरकार का छल बताया।
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा लिया।
ममता बनर्जी ने नीट और जेईई परीक्षा आयोजन के खिलाफ सभी राज्यों से साथ आने का अनुरोध किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बच्चों के संक्रमित होने के खतरे का मुद्दा उठाया।
गौरतलब है कि मेडिकल की पढ़ाई के लिए होने वाली नीट और इंजीनियरिंग के लिए होने वाली जेईई परीक्षा को 1 सितंबर से कराने का निर्णय किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इन परीक्षाओं के आयोजन को अनुमति दे दी है। 27 अगस्त को जीएसटी काउंसिल की बैठक है और केंद्र ने राज्यों की हिस्सेदारी नहीं चुकाई है। गैर एनडीए शासित राज्यों में इससे चिंता है।
उद्धव ठाकरे ने अमेरिका में स्कूल-कॉलेज खोले जाने पर बनी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, “अमेरिका से एक रिपोर्ट आई थी कि जब वहां स्कूल खोले गए थे तो लगभग 97,000 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। अगर ऐसी स्थिति यहां बन गई तब हम क्या करेंगे?’ ठाकरे ने कहा, ‘हमें यह तय करना चाहिए कि हमें डरना है या लड़ना है।”
ममता बनर्जी ने कहा, “मेरा सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि हमें साथ मिलकर काम करना होगा। आइए हम साथ में सुप्रीम कोर्ट जाते हैं और परीक्षा को तब तक के लिए स्थगित करवा देते हैं जब तक कि स्थिति विद्यार्थियों के परीक्षा में बैठने लायक नहीं हो जाती।” ममता ने कहा, “परीक्षाएं सितंबर में हैं। छात्रों के जीवन को खतरे में क्यों डाला जाए? हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है।” कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ममता का समर्थन किया तो हेमंत सोरेन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले हमें प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पास जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी एजेंसियों का विपक्ष का खिलाफ इस्तेमाल कर रही है और संघीय ढांचे को अनदेखा कर रही है।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी नारायणसामी ने कहा, “परीक्षाओं का आयोजन करने से देश में कोविड-19 मामलों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो भारत सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी। हम इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ यह लड़ाई मिलकर लड़ेंगे।”
सोनिया गांधी ने कहा, “नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित घोषणाएं वास्तव में हमें चिंतित कर सकती हैं क्योंकि यह हमारे लिए एक झटका है। छात्रों और परीक्षाओं से संबंधित अन्य समस्याओं का भी ठीक तरह से निपटारा नहीं किया जा रहा है।”
सोनिया गांधी ने कहा, “11 अगस्त को वित्त की स्थायी समिति की बैठक में वित्त सचिव ने कहा कि केंद्र वर्तमान वर्ष में जीएसटी के 14 प्रतिशत का अनिवार्य भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। जीएसटी पर राज्यों को क्षतिपूर्ति देने से इनकन्र किया जाना मोदी सरकार का राज्यों के लोगों से छल के अलावा और कुछ नहीं है।” भूपेश बघेल ने कहा, “केंद्र ने राज्यों को पिछले चार महीने से जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया है। आज स्थिति भयावह हो गई है।” ममता बनर्जी ने कहा, “सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल’ डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं।”
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