नयी दिल्ली। केंद्र सरकार जल्द ही केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम आय में बढ़ोतरी करने जा रही हैं, लेकिन जहां एक ओर कर्मचारियों को सरकार सैलरी बढ़ाकर तोहफा दे रही हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार ने फैसला लिया है कि इन कर्मचारियों को एरिएर की सुविधा नहीं दी जाएगी।
आपको बता दें कि पिछले दिनों मीडिया में खबरे थीं कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के द्वारा कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ा दिया गया है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये है जो कि सरकार के इस फैसले के बाद 21,000 रुपये प्रति महीना हो जाएगा।
जून में वित्त मंत्रालय ने 2.57 गुना के फिटमेंट फॉर्म्युले को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया था जिसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों के यूनियन ने इसे बढ़ाकर 3.68 फिटमेंट फॉर्म्यूलें की मांग की थी। कर्मचारियों की इस मांग पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विचार किया था और केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़ाने का वादा किया था।
द सेन टाइम की खबर के अनुसार एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वे 2.57 गुना के फिटमेंट फॉर्मूले को बढ़ाकर 3.00 गुना करने वाली है। इसका लाभ कर्मचारियों को अगले साल जनवरी से मिलना शुरू होगा। यह केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर वित्तीय प्रभाव के लिए एक महत्वपूर्ण भुगतान है।
यहां उल्लेख कर दें कि पिछले साल सितंबर में सरकार द्वारा 22 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया था जिसका काम केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा उठायी जा रही मांगों को लेकर उसपर विचार करना और उसके सभी पहलुओं पर नजर डालना था। इस कमेटी का नेतृत्व कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव ने किया था।