बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रचारिणी सभा के दूसरे और अंतिम दिन शनिवार को चुनाव के बाद दत्तात्रेय होसबले को नया सरकार्यवाह चुना गया। वह भैयाजी जोशी की जगह लेंगे जो 2009 से संघ के सबसे महत्वपूर्ण सरकार्यवाह का पद संभाल रहे थे। दत्तात्रेय की सरकार्यवाह पद पर नियुक्ति के बाद माना जा रहा है कि संघ में शीर्ष में कई पदों पर बदलाव हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी भी स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ सकते हैं। संघ में फिलहाल छह सह सरकार्यवाह हैं।
होसबले कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोरबा तालुक के एक छोटे से गांव होसबले के मूलनिवासी हैं। आपतकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने असम में युवा विकास केंद्र की स्थापना और विकास में बड़ी भूमिका निभाई है। संघ में वह दत्ताजी के नाम से लोकप्रिय हैं।
उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी आरएसएस से जुड़ी रही है। वह 1968 में आरएसएस और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हुए थेष। वह 1978 में एबीवीपी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता भी बने। 15 साल तक अपने मुंबई मुख्यालय में एबीवीपी के महासचिव भी रहे।
1 दिसंबर 1954 को जन्मे दत्तात्रेय की प्रारंभिक और स्कूली शिक्षा गांव में ही हुई। कॉलेज में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए उन्होंने बेंगलुरु के प्रसिद्ध नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में मैसूरू यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर डिग्री ली है। पत्रकारिता में भी उनकी रुचि रही है। वह कन्नड़ की मासिक पत्रिका असीमा के संस्थापक संपादक रहे हैं।