नई दिल्ली। सरकार ने अगर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया तो दिल्ली के विधायकों का वेतन वर्तमान में 88 हजार रुपये से बढ़कर दो लाख दस हजार रुपये प्रति माह हो जाएगा।
लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को सौंप दी है जिसमें विधायकों के मूल वेतन में 400 फीसदी का इजाफा करने का प्रस्ताव है यानी मूल वेतन को 12 हजार रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया जाएगा।
उनके कुल वेतन में 138 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। आप विधायकों के एक समूह ने जुलाई वेतन में भारी बढ़ोतरी की मांग की थी। उनका तर्क था कि उनकी आय घर और कार्यालय चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है।
आचार्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘समिति ने विधायकों के वर्तमान मूल वेतन को 12 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये प्रति माह करने की अनुशंसा की है। साथ ही विधायकों का कुल वेतन और भत्ता 88 हजार रुपये प्रति माह से बढ़ाकर दो लाख 10 हजार रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की गई है।’ उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों और उनके काम को देखते हुए अनुशंसा की गई है।
मूल वेतन के अलावा समिति ने विधानसभा क्षेत्र भत्ता को 18 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रूपये करने की बात की है।
‘सचिवालय शोध और कार्यालय सहयोग’ के तहत भत्ते को वर्तमान में 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपये प्रति माह करने की भी बात कही गई है। सरकारी एजेंसियों की तरफ मुहैया कराए जाने वाले कार्यालय एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए 25 हजार रूपये के भत्ते की भी अनुशंसा की गई है।
समिति ने संचार भत्ता दस हजार रुपये प्रति माह और हर विधायक के लिए परिवहन भत्ता 30 हजार रुपये प्रति माह करने का भी सुझाव दिया है। विधानसभा की हर बैठक के लिए भत्ते को एक हजार रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये करने की अनुशंसा है।
एजेन्सी