नयी दिल्ली। दाल के दाम 210 रपये किलो की उंचाई पर पहुंचने के बीच सरकार ने जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापे की कार्रवाई शुरू कर दी है जिसमें 36,000 टन के करीब दलहन स्टॉक जब्त किया गया। इस स्टॉक को आयातित दाल के साथ अब बाजार में जारी किया जायेगा ताकि चढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके।
वित्त मंत्री अरण जेटली ने सप्ताह में दूसरी बार अंतर मंत्रालयी समूह की बैठक बुलाई। उन्होंने राज्य सरकारों पर दोष मढ़ते हुये कहा कि वह जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम नहीं उठा रहीं हैं।
जेटली ने कहा कि 5,000 टन आयातित दाल पहले ही देश में पहुंच चुकी है और इसका राज्यों के बीच वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा 3,000 टन आयात की जा रही दाल भी जल्द पहुंचेगी। राजधानी में केन्द्रीय भंडार और सफल के 500 बिक्री केन्द्रों पर आयातित तुअर दाल 120 रपये की सस्ती दर पर बेची जा रही है।
जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह खेद का विषय है कि जमाखोरों के खिलाफ कारवाई करने में ज्यादातर राज्य अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिये कुछ नहीं कर रहे हैं। केवल पिछले तीन-चार दिन में जब केन्द्र सरकार की तरफ से दबाव बढ़ाया गया, छापेमारी में 36,000 टन दाल का भंडार पकड़ा गया। जमाखोरों के खिलाफ छापेमारी की कारवाई अभी भी जारी है।’’