नई दिल्ली। एडमिरल करमबीर सिंह ने शुक्रवार को भारतीय नौसेना के 24वें प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया। वह इस शीर्ष पद तक पहुंचने वाले पहले हेलीकॉप्टर पायलट हैं। उन्होंने एडमिरल सुनील लांबा की जगह ली है। नौसेना प्रमुख नियुक्त किए जाने से पहले करमबीर विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग आफिसर कमांडिंग इन चीफ (एफओसी-इन-सी) थे।
एडमिरल करमबीर को भारतीय नौसेना में जुलाई 1980 में कमीशन मिला था और वह1981 में हेलीकॉप्टर पायलट बने। उन्होंने खासतौर से चेतक और कामोव हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं। वह वेलिंगटन के डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज और मुंबई के कॉलेज ऑफ नेवल वारफेयर से ग्रेजुएट हैं। उन्होंने भारतीय तटरक्षक पोत चांबीबी, मिसाइल कोर्वेट आइएनएस विजयदुर्ग के साथ ही दो गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आइएनएस राणा और आइएनएस दिल्ली को कमांड किया है।
एडमिरल करमबीर की प्रोन्नति को अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने अपनी वरिष्ठता के आधार पर चुनौती दी है। रक्षा मंत्रालय वाइस एडमिरल वर्मा की अर्जी ठुकरा चुका है जिसके बाद उन्होंने सैन्य ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की। आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल ने एडमिरल करमबीर को नए नौसेना प्रमुख का प्रभार लेने की अनुमति दे दी। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि उनका इस पद पर बने रहना इस मामले के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर की सबसे बड़ी प्राथमिकता में लंबे समय से लंबित नौसेना का आधुनिकीकरण शामिल है। वर्तमान समय में नौसेना के पास 132 पोत, 15 पनडुब्बियां और 220 विमान हैं।