नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के नेतृत्व में बड़े फेरबदल के संकेत दिए हैं। ये संकेत इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की बात कही है। दरअसल, अमेरिकी शिक्षाविदों प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह द्वारा लिखित पुस्तक “इंडिया टुमॉरो: कन्वर्सेशन विद द नेक्सट पॉलिटिकल लीडर्स” में प्रियंका गांधी के हवाले से कहा गया है कि कांग्रेस का अपना अलग रास्ता होना चाहिए।

प्रियंका ने किताब के लेखकों को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा, “शायद (इस्तीफा) पत्र में नहीं लेकिन कहीं और उन्होंने कहा है कि हममें से किसी को भी पार्टी का अध्यक्ष नहीं होना चाहिए और मैं उनकी बात से पूरी तरह सहमत हूं।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि पार्टी को अपना रास्ता भी तलाशना चाहिए।”  भाजपा के खिलाफ धारणा की लड़ाई हारने वाली पार्टी के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “कांग्रेस ‘नए मीडिया’ को समझने में धीमी थी और जब तक उसने इसे समझने की कोशिश की, तब तक नुकसान हो चुका था।”

इस पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा की 15 महीने पुरानी टिप्पणी को नए सिरे से इंटरव्यू के रूप में पेश किया जा रहा है।

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