नई दिल्ली। दिल्ली के एम्स में शनिवर को लगी आग के बाद एक बेहद सुकून भरी खबर ने अस्पताल के माहौल को हल्का कर दिया। शनिवार को जहां एकतरफ 40 से ज्यादा फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और तकरीबन 200 से ज्यादा दमकलकर्मी आग बुझाने के काम में लगे हुए थे तो दूसरी तरफ एम्स के डॉक्टरों और नर्स ने 30 साल की गर्भावती महिला की डिलीवरी कराई। भीषण आगजनी के बीच एम्स के डॉक्टरों को चिंता थी तो सिर्फ मरीज़ों की। मरीज़ों को किस तरह से शिफ्ट किया जाए और बेहतर इलाज दे सके।
आगजनी के बीच जन्मी नन्ही परी
आग लगने के बीच ही एम्स के डिलीवरी रूम (Delivery Room) तक जब आग की लपटें आने लगी तो नर्स और डॉक्टर्स गर्भवती महिलाओं को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करना शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच एक महिला को लेबर पैन ( प्रसव पीड़ा) शुरू हो गया जिसके बाद आआनन-फानन में डॉक्टरों ने सेंटर को ही कुछ समय के लिए इमरजेंसी बनाया। और विपरीत परिसिथति में गर्भवति महिला की डिलीवरी कराई।
डॉक्टरों के मुताबिक 30साल की गर्भवती महिला को एम्स के डॉ राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र में ऑपरेशन थियेटर में लाया गया। रात करीब 9.30 बजे जब आग की लपटें चारों तरफ फैल रही थीं उसी बीच एक स्वस्थ बच्ची ने दुनिया में अपना पहला कदम रखा। बच्ची की मां और बच्ची दोनों ही स्वस्थ और सुरक्षित है और उनके पूरे परिवार ने एम्स के डॉक्टरों और नर्सों का शुक्रिया किया।